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Rangbhari Ekadashi 2023: नहीं हो रही शादी, रंगभरी एकादशी पर अपनाएं ये उपाय - रंगभरी एकादशी पर भगवान भोले की पूजा

फाल्गुन के महीने के शुक्ल पक्ष को रंगभरी एकादशी भी कहा जाता है. बनारस में इसी दिन से होली के दिन की शुरुआत हो जाती है. इस दिन का वैदिक पुराणों में भी खासा महत्व है. तो आईए जानते हैं, कि क्या है रंगभरी एकादशी.

Rangbhari Ekadashi 2023
रंगभरी एकादशी

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Published : Feb 25, 2023, 5:50 AM IST

रायपुर:पौराणिक कथाओं और और वैदिक मान्यताओं की मानें तो रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शंकर और पार्वती माता अपने विवाह के बाद पहली बार काशी पहुंचे थे. यही कारण है इस दिन को काशी में जश्न मनाया जाता है. इसी दिन से काशी में होली खेलने की शुरुआत हो जाती है. यह आयोजन लगातार छह दिनों तक लगातार चलता है. साल 2023 में फाल्गुन के शुक्ल पक्ष की आमलकी एकादशी 2 मार्च की सुबह 6 बजकर 39 मिनट से शुरु होकर 3 मार्च को सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक चलेगा. ग्रहों की स्थिते के हिसाब से आमलकी एकादशी का व्रत 3 मार्च को है.

रंगभरी एकादशी के दिन भोलेनाथ की ऐसी करें उपासना:रंगभरी एकादशी के दिन सुबह से नहा कर साफ सुथरे कपड़े पहन लें. जिसके बाद पूजन कर भगवान का ध्यान करें और संकल्प लें. जिसके बाद अपने घर से एक बर्तन में जल भरकर शिव मंदिर जाएं. अपने साथ अबीर, गुलाल, चंदन और बेलपत्र मंदिर लेकर जाएं और भोलेनाथ को अर्पित करें. सबसे पहले शिवलिंग पर चंदन लगाएं. जिसके बाद बेल के पत्ते भोलोनाथ को चढ़ाएं और जल अर्पित करें. जिसके बाद अंत में भोलनाथ को अबीर गुलाल चढ़ाएं. जिसके बाद भगवान का ध्यान करें.

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शादी से संबंधित समस्याओं को ऐसे करें दूर:शादी से संबंधित समस्याओं को बाधाओं को दूर करने के लिए रंगभरी एकादशी के दिन व्रत रखें. इस दिन सूर्यास्त के बाद भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. फिर पूजा करने के बाद भोलेनाथ और माता पार्वती को अबीर चढ़ाएं. फिर भगवान से अपनी सुखद वैवाहिक जीवन के लिए प्रार्थना करें. रंगभरी एकादशी के रोज रोत में भगवान शिव का ध्यान करें. भोलेनाथ को जल और बेल पत्र चढ़ाएं. जिसके बाद लाल, पीला और सफेद रंग का अबीर भोलेनाथ को चढ़ाएं करें. इससे भगवान खुश होंगे.

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