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Published : Jul 7, 2020, 12:19 PM IST

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अंतिम सांस तक बघेल सरकार की तानाशाही के खिलाफ डटा रहूंगा, ये अधिकार संविधान ने दिया: रमन

प्रदेश के पूर्व सीएम रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल पर तंज कसा है. रमन सिंह ने ट्वीट करते हुए सीएम भूपेश पर निशाना साधा है. उन्होंने सीएम भूपेश बघेल की सरकार को अंहकारी सरकार बताया है.

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पूर्व सीएम रमन सिंह

रायपुर:छत्तीसगढ़ में एक बार फिर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के बीच वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है. ट्वीटर वॉर शुरू हो गया है. प्रदेश के पूर्व सीएम रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल पर तंज कसा है. रमन सिंह ने ट्वीट करते हुए सीएम भूपेश पर निशाना साधा है.

रमन सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि, 'गाँव-गरीब-किसान की बात हो या बेरोज़गारी का विषय भूपेश बघेल की अहंकारी सरकार से प्रश्न पूछने के लिए प्रदेशवासियों को किसी पद की आवश्यकता नहीं है. मैंने हमेशा छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा की है और अंतिम सांस तक अपनी माटी और भाई-बहनों के लिए सरकार की तानाशाही के ख़िलाफ़ डटा रहूँगा. मैं रमन सिंह से "डॉ. रमन" अपनी लगन से बना. मुझे "विधायक" प्रदेश की जनता ने चुना. "राष्ट्रीय उपाध्यक्ष" का दायित्व मुझे मेरी पार्टी ने दिया. लेकिन प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी को निर्वाचित सरकार से प्रश्न करने का समान अधिकार बाबा साहब के संविधान ने प्रदान किया है भूपेश बघेल जी.'

रमन सिंह ने कांग्रेस सरकार के घोषणा पत्र पर किया था पलटवार

बता दें कि 5 जुलाई को भी पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने ट्वीट करते हुए सीएम भूपेश पर हमला बोला था. जिसमें सीएम भूपेश बघेल के 20 अगस्त 2018 को किए गए घोषणा पत्र वाले ट्वीट पर उन्होंने कई प्रश्न दागे. इसमें भूपेश बघेल ने लिखा है कि बेरोजगारी दूर करना सिर्फ चुनावी नारा नहीं होना चाहिए, जुमला तो हरगिज नहीं. छत्तीसगढ़ कांग्रेस बेरोजगारी दूर करने के लिए प्रतिबद्ध है, पूरे ब्लू प्रिंट के साथ तैयार है. युवा साथियों के लिए अब बस थोड़े दिन का सब्र और है. साथ ही रमन सिंह कांग्रेस को मुद्दाविहीन बताया है. रमन ने कहा कि वादाखिलाफी का रिकॉर्ड बनाने वाले डेढ़ साल में वादों का हिसाब मांग रहे.

रमन सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'चुनाव से पहले भूपेश बघेल जी के पास ये सब था?

-झीरम के सबूत थे

-रोजगार के लिए ब्लू प्रिंट था

-शराबबन्दी के लिए योजना थी

-रोजगार भत्ते के लिए पैसे थे

-₹2500 समर्थन मूल्य देने के पैसे थे

जब से सरकार में आये हैं, तब से इनमें से कुछ नहीं है.'

पढ़ें- रायपुर: बीजेपी-कांग्रेस एक दूसरे से पूछ रहे चुनावी वादों का हिसाब

छत्तीसगढ़ में इन दिनों दोनों ही प्रमुख पार्टियां कांग्रेस और भाजपा एक दूसरे से चुनाव के दौरान किए गए वादों का हिसाब मांग रही हैं. जहां एक ओर भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता पर काबिज होने के बाद 18 महीने का हिसाब मांगा है, तो, वहीं कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए बीजेपी से पिछले 15 साल तक सत्ता पर काबिज रहने के दौरान किए गए वादों का जवाब मांगा है. इसके अलावा प्रदेश सरकार लगातार केंद्र की मोदी सरकार पर हमलावर है. भूपेश बघेल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया था कि छत्तीसगढ़ बीजेपी के नेताओं का मुंह केंद्र के नेताओं के सामने नहीं खुलता है इसलिए राज्य सरकार पर आरोप लगाते रहते हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि मोदी सरकार शहीदों के नाम पर राजनीति कर रही है. साथ ही प्रदेश कांग्रेस पीएम केयर फंड की राशि और वेंटिलेटर खरीदी पर भी सवाल उठा रही है.

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