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PM Awas: रमन सिंह के आरोप पर कृषि मंत्री ने ली चुटकी, कहा-पीएम आवास को लेकर विपक्ष के पास सही आंकड़े ही नहीं - छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र

छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पीएम आवास योजना के वंचित लोगों का मुद्दा उठाया. इसके लिए सीएम भूपेश बघेल को ही जिम्मेदार ठहराया. जवाब देते हुए कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने चुटकी लेते विपक्षी सदस्यों पर ही आंकड़ों को लेकर सवाल दाग दिया. छग में सर्वे करने के बाद वंचित सभी लोगों को आवास देने की भी बात कही.pradhanmantri awas yojna

Raman Singh raised questions in the assembly
छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र

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Published : Mar 22, 2023, 5:28 PM IST

रायपुर: विधानसभा सत्र में विपक्षी भाजपा सदस्य लगातार सरकार पर हमलावर हैं. आरोप प्रत्यारोप भी खूब हो रहे हैं. पूर्व सीएम रमन सिंह ने प्रधानमंत्री आवास को लेकर भूपेश बघेल सरकार पर जनता से छल करने और झूठी जानकारी देने का आरोप लगाया. आंकड़ा देते हुए 2020-21 में एक भी आवास के लिए राज्यांश न देने का भी इल्जाम लगाया. वहीं पूर्व जल संसाधन मंत्री ने बोधघाट परियोजना को लेकर निजी कंपनी को फायदा पहुंचाने का सीधा आरोप लगाया.

सभी आवासहीनों को दिया जाएगा आवास:कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने पीएम आवास पर कहा कि "आवास का मुद्दा विधानसभा सत्र में रोज ही उठता रहा है. किसी सदस्य ने कहा 7 लाख आवास शेष हैं, किसी ने कहा 16 लाख आवास बनाना शेष है. एक माननीय सदस्य 13 लाख आवास की बात कर रहे थे. अभी प्रतिपक्ष के सदस्यों के पास ही आंकड़े नहीं हैं कि कौन सही बोल रहा है. कौन असत्य बोल रहा है, ये वो जानें. लेकिन सत्य ये है कि 18 लाख आवासहीनों का सर्वे हुआ था. 11 लाख से अधिक लोग पात्र पाए गए थे, उसमें लगभग 8.50 लाख आवास गरीबों के बनाए जा चुके हैं. लगभग 3 लाख आवास सुनिश्चित करते हुए बनाने का निर्णय हमने लिया है. बजट में हमने प्रावधान किया है. उसके बावजूद भी जो आवास शेष रहेंगे, माननीय मुख्यमंत्री जी ने फिर से अप्रैल से सर्वे कराने का निर्णय लिया है. उसके बाद सभी आवासहीनों को आवास दे दिया जाएगा."

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बिना टेंडर काम देना नियमों के खिलाफ: बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि "बोधघाट परियोजना के नाम पर भूपेश बघेल की सरकार केवल मगरमच्छी आंसू बहा रही है. पहले बजट में सीएम ने और सिंचाई मंत्री ने कहा था कि इसी कार्यकाल में हम पूरा करेंगे. वहीं आज के प्रश्न के जवाब में कहा कि उसका सर्वेक्षण नहीं हुआ है. एक ऐसी एजेंसी को सर्वेक्षण का काम दिया गया है, जिसने आज तक छत्तीसगढ़ का जल उपयोगिता का प्लान बनाकर नहीं दिया और उसे 4 करोड़ का पेमेंट भी कर दिया गया. अभी 40 करोड़ का काम दिया गया, जिसके लिए टेंडर नहीं निकाले गए. वेबकास्ट नामक कंपनी है, जिसे सरकारी बता दिया गया. ये कंपनी सरकारी नहीं है, बल्कि सेंट्रल गवर्नमेंट में रजिस्टर्ड कंपनी है. एजी ने आपत्ति ली है. बिना टेंडर के काम देने नियमों के विरुद्ध है. सिर्फ वेबकास्ट कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए बोधघाट परियोजना के सर्वे का काम कराया जा रहा है."

कंपनी ब्लैक लिस्टेड तो बृजमोहन जी ने क्यों दिया था काम:वेबकास्ट कंपनी को लेकर उठे सवाल पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि "बृजमोहन अग्रवाल भी जल संसाधन मंत्री थे. भाजपा के समय में भी वेबकास्ट के मिनी रत्न कंपनी मानकर दो काम दिया गया था, जिसमें से केवल एक काम पूरा हो पाया, एक काम आज तक पूरा नहीं हो पाया है. उसी वेबकास्ट को हमने सर्वे का काम दिया है, जिसने अभी अवधि बढ़ाने का आग्रह किया है. हम लोग चाहते हैं कि पूरा सर्वे हो, उसके बाद उस योजना में आगे बढ़ा जाए. बृजमोहन जी बता रहे थे कि कंपनी मध्य प्रदेश में ब्लैक लिस्टेड थी. सवाल उठता है कि ब्लैक लिस्टेड कंपनी को बृजमोहन जी ने काम क्यों दिया था."

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