रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं. जिसमें सबसे बड़ा फैसला राजोत्सव को लेकर है. कैबिनेट बैठक में इस साल राजोत्सव नहीं मनाने का फैसला लिया गया है. इससे अलावा सीएम हाउस में ही राज्य अलंकरण समारोह को संक्षिप्त रूप किया जाएगा.
कैबिनेट की बैठक में छत्तीसगढ़ में हो रहे या होने वाले निर्माण कार्यों के लिए नए सिरे से पंजीयन कराने का फैसला लिया गया है. वहीं अब आ रही खबरों के तहत छत्तीसगढ़ में 15 अक्टूबर से स्कूल नहीं खुल रहे हैं. इस मामले में केंद्र ने राज्यों से स्कूल खोलने या नहीं खोलने के फैसले लिए अधिकृत किया था, जिसके बाद आज छत्तीसगढ़ सरकार ने 15 अक्टूबर से स्कूल नहीं खोलने का फैसला लिया है.
कैबिनेट की बैठक में जिसकी सबसे ज्यादा उम्मीद थी उसपर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है. धान खरीदी को लेकर फिलहाल कैबिनेट की बैठक में कोई फैसला नहीं लिया गया है. इस मुद्दे पर आगे मंत्रिमण्डलीय उपसमिति और चर्चा करेगी जिसके बाद ही इसपर कोई फैसला लिया जाएगा. इसके अलावा यात्री वाहनों के सितंबर-अक्टूबर के देय मासिक कर में छूट शर्तों के अधीन दिए जाने का भी फैसला लिया गया है.
भूपेश कैबिनेट के फैसले
1. छत्तीसगढ़ राज्य में शासकीय और नैसर्गिक स्त्रोत से औद्योगिक प्रायोजन, ताप विद्युत और जल विद्युत परियोजनाओं के लिए जल उपयोग के लिए 16 जनवरी 2020 से प्रचलित जल दरों में संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया. जिसके अनुसार भू-जल के औद्योगिक उपयोग के लिए निर्धारित जल दरों में 20 से 33 प्रतिशत तक की कमी किए जाने और भू-जल दरों पर प्राप्त जल कर की राशि पृथक से निर्मित किए जाने वाले भू-जल संरक्षण कोष में जमा की जाएगी. इस कोष का उपयोग भू-जल संवर्धन (रिचार्जिंग ) में किया जाएगा.
2.स्व-निर्मित स्त्रोत की श्रेणी जिसे औद्योगिक जल दर निर्धारण संबंधी अधिसूचना में विलोपित कर दिया गया था. मंत्री परिषद द्वारा पुनःस्थापित किए जाने का निर्णय लिया गया है. इसके साथ ही स्व-निर्मित स्त्रोत की श्रेणी के लिए प्रचलित दर 5 रुपये प्रति घन मीटर से कम कर 3.50 रुपये प्रति घन मीटर किया गया है.
3. छत्तीसगढ राज्य औषधि पादप बोर्ड को पुर्नभाषित कर छत्तीसगढ़ आदिवासी स्थानीय स्वास्थ्य परंपरा एवं औषधि पादप बोर्ड के नाम से पुर्नगठित करने का निर्णय लिया गया है.
4. छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं प्रबंधन नियम 2015 में संशोधन (अपील एवं अन्य प्रावधान) प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है. इससे अतिशेष भूखंडों निरस्त भूखंडों और बंद पड़ी इकाईयों से भूखंड का आधिपत्य वापस प्राप्त कर नए आवेदकों को आबंटन किया जा सकेगा. यानी पट्टे पर आबंटित औद्योगिक भूमि का उपयोग न हो पाने के प्रकरणों में भूमि के हस्तांतरण को आसान किया गया है.
5.औद्योगिक नीति 2019-24 के तहत बायोएथनाल के लिए एमओयू हस्ताक्षरित कर 6 महीके के भीतर ईकाई के उत्पादन में आने पर विशेष अर्ली बर्ड इंशेटिव देने के प्रावधान किया गया था. मंत्री परिषद ने 6 महीने के स्थान पर 18 महीने के अंदर इकाई के उत्पादन में आना प्रतिस्थापित किए जाने का निर्णय लिया है. उद्योगों को लीज पर दी गई भूमि में उद्योग लगाने के लिए निर्धारित अवधि में एक वर्ष की वृद्धि की गई.
6. औद्योगिक नीति 2019-24 में संशोधन करने का अनुमोदन किया गया है. औद्योगिक नीति 2019-24 में अनुसूचित जनजाति/जाति वर्ग तथा स्टार्टअप के लिए स्पेशल पैकेज घोषित किया गया है. उद्योगों को विस्तार/शवलीकरण के लिए अनुदान छूट एवं रियायतों की पत्रता का अनुमोदन किया गया है. सूक्ष्म उद्योगों के साथ-साथ लघु एवं मध्यम उद्योगों को भी स्थाई पूंजी निवेश अनुदान की सुविधा मिलेगी. कोर सेक्टर के उद्योगों को पूरे राज्य में विद्युत छूट की पात्रता दी गई है.
7. छत्तीसगढ़ राज्य की औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत इस्पात (स्पांज आयरन एण्ड स्टील) क्षेत्र के मेगा/अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट में निवेश हेतु विशेष निवेश प्रोत्साहन पैकेज देने का निर्णय लिया गया है. मेगा निवेषकों के लिए घोषित किए गए पैकेज में अधितम 500 करोड़ रुपए तक का निवेश प्रोत्साहन (बस्तर संभाग हेतु 1000 करोड़ तक) मान्य होगा. प्रस्तावित इकाईयों के लिए 31 अक्टूबर 2024 को अथवा उसके पूर्व व्यावसायिक उत्पादन प्रारंभ करना जरूरी होगा. 100 करोड़ रुपए का स्थाई पूंजी निवेश मद में निवेश कर व्यावसायिक उत्पादन आरंभ करने वाली नवीन इकाईयों को आर्थिक निवेश प्रोत्साहन तभी प्राप्त होगा.