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SPECIAL: पहले सियासत, अब विज्ञापन का अड्डा बना 'स्काईवॉक' - अवैध तरीके से स्काईवॉक पर लगाए जा रहे बैनर पोस्टर और होर्डिंग्स

छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा स्काईवॉक अब सफेद हाथी साबित हो रहा है. करीब 70 करोड़ की लागत से बनने वाले स्काईवॉक का निर्माण कार्य सत्ता बदलते ही अधर में लटक गया. अब स्काईवॉक पर बनाई गई सुंदर कलाकृतियों के ऊपर बैनर, पोस्टर और होर्डिंग्स भी धड़ल्ले से लगाए जा रहे हैं. इसे लेकर अब सियासत भी गरमा गई है.

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स्काईवॉक रायपुर

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Published : Mar 18, 2021, 2:05 PM IST

रायपुर:रमन सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल रहे रायपुर के स्काईवॉक का निर्माण सत्ता परिवर्तन के बाद से अधर में लटका हुआ है. करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी अब तक जनता इसका उपयोग नहीं कर पाई. वहीं अब स्काईवॉक पर बनाई गई सुंदर कलाकृतियों के ऊपर बैनर, पोस्टर और होर्डिंग्स अवैध तरीके से धड़ल्ले से लगाए जा रहे हैं. जिससे इसकी सुंदरता भी खराब हो रही है. इसे लेकर अब सियासत भी गरमा गई है.

अब विज्ञापों से अटा 'स्काईवॉक'

राजधानी रायपुर अन्य शहरों की तरह अब धीरे-धीरे महानगर का रूप लेता जा रहा है. जहां पर जनसंख्या के साथ ही वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है, ऐसे में पूर्व की रमन सरकार ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत यहां स्काईवॉक का निर्माण शुरू किया था. निर्माण कार्य अच्छा भी चला, लेकिन 2018 में सत्ता बदलते ही स्काईवॉक योजना सियासत की भेंट चढ़ गई. भूपेश सरकार ने इस पर रोक लगा दी.

विज्ञापन का अड्डा बना स्काईवॉक

रमन सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट

पूर्व की रमन सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट रहा स्काई वॉक अब सफेद हाथी साबित हो रहा है. करीब 70 करोड़ की लागत से इसका निर्माण कार्य होना था, लेकिन सत्ता बदलते ही इसका निर्माण कार्य अधर में लटक गया. ना ही इसका निर्माण पूरा किया जा रहा है, न ही इसका उपयोग जनता कर पाई है, लेकिन अब यह विज्ञापन का अड्डा बन चुका है.

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भूपेश सरकार नहीं ले पाई फैसला

स्काई वॉक के भविष्य को लेकर भूपेश सरकार अब तक इस पर फैसला नहीं ले पाई है. लेकिन यहां अब विज्ञापनों की भरमार है. स्काई वॉक के पिलर को सुंदर रूप देने के लिए यहां आकर्षक पेंटिंग कराई गई थी, लेकिन अब यहां जगह-जगह बैनर, पोस्टर और होर्डिंग्स भी धड़ल्ले से लगाए जा रहे हैं, जिससे इसकी सुंदरता खराब हो रही है.

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स्काई वॉक से लोगों को मिलती सुविधाएं

स्काई वॉक के बनने से जहां पैदल चलने वालों को कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं, वहीं लोगों को भीड़ और जाम से निजात मिलती है. हालांकि राजनीति में फंस चुका स्काई वॉक शो पीस बनकर रह गया है. यहां होर्डिंग्स, बैनर और पोस्टर से पिलर अटा पड़ा है.

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विकास विरोधी है कांग्रेस सरकार: बीजेपी

पूर्व की सरकार में बनाए गए इस स्काई वॉक को लेकर बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस विकास विरोधी है. करोड़ों रुपए खर्च करके स्काई वॉक का काम शुरू किया गया था, लेकिन सत्ता आते ही कांग्रेस सरकार ने अब तक कोई पहल नहीं की है. बीजेपी ने कहा कि स्काई वॉक अब कांग्रेस सरकार के प्रमोशन का अड्डा बन चुका है. यहां बैनर-पोस्टर लगाए जा रहे हैं.

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स्काई वॉक क्रंकीट का जंगल: कांग्रेस

बीजेपी के आरोपों को लेकर कांग्रेस का कहना है कि स्काई वॉक एक तरह क्रंकीट का जंगल है. क्रंकीट के जंगल को विकास नहीं कहा जा सकता. जगह खाली थी, इसलिए कोई भी स्काई वॉक के नीचे बैनर, पोस्टर लगाकर अपना प्रमोशन कर सकता है.

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राजनीतिक विवाद का जनता भुगत रही खामियाजा

स्काई वॉक का निर्माण अब तक पूरा नहीं हो पाया है. जिसके कारण पैदल चलने वाले लोगों को कई तरह की परेशानी और समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. कुल मिलाकर बीजेपी और कांग्रेस के बीच उपजे राजनीतिक विवाद का खामियाजा राजधानीवासियों को भुगतना पड़ रहा है.

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