छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

रायपुर का फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर ऐसे संवार रहा दिव्यांगों की जिंदगी

रायपुर का फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर दिव्यांगों की जिंदगी बना रहा है. ये सेंटर लगातार लोगों को नि:शुल्क कृत्रिम अंग प्रदान कर रहा है. इसके साथ लोगों को सेंटर की ओर से कृत्रिम अंगों के साथ चलने की ट्रेनिंग दी जा रही है, ताकि आगे चलकर ये असहज महसूस न करें.

life of disabled
दिव्यांगों की जिंदगी

By

Published : May 3, 2023, 7:25 PM IST

रायपुर का फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर बना दिव्यांगों की जिंदगी

रायपुर: वो दिव्यांग जिनकी जिन्दगी की रफ्तार किसी दर्दनाक हादसे ने रोक दी है, उनके लिए रायपुर का फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेन्टर किसी वरदान से कम नहीं. फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेन्टर की ओर से दिव्यांगों को कृत्रिम अंग दिया जा रहा है. खास बात यह है कि दिव्यांगों के जीवन में गति लाने के लिए उनको कृत्रिम अंगों के साथ जीने की ट्रेनिंग भी दी जाती है.

कृत्रिम अंग व्हील चेयर बांटा गया:रायपुर में फिजिकल रेफरल रिहैबिलिटेशन सेंटर की ओर से लगातार विकलांगों को निःशुल्क कृत्रिम अंग और व्हील चेयर बांटा जाता है. ये सेंटर दिव्यांगों की मदद के लिए जिलों में शिविर लगाकर उनकी निःशुल्क मदद कर रहे हैं.

धमतरी में 18 व्यक्तियों को कृत्रिम अंग: पुनर्वास केंद्र के कार्यशाला प्रबंधक शरद तिवारी ने कहा कि, "1 अप्रैल से अब तक केंद्र ने 26 लाभार्थियों को 30 उपकरण निःशुल्क दिए हैं. हाल ही में हमने धमतरी जिले में 18 व्यक्तियों को कृत्रिम अंग देने के लिए मेजरमेंट (माप) लिया है."

5284 से ज्यादा कृत्रिम अंग:समाज कल्याण विभाग के निदेशक रमेश शर्मा ने कहा, " ये केंद्र रोगियों की आवश्यकता के अनुसार कृत्रिम पैर, हाथ, कैलीपर्स और अन्य सहायक उपकरण तैयार करता है. अब तक केंद्र ने लगभग 3781 रोगियों को 5284 से ज्यादा कृत्रिम अंग और सहायक उपकरण प्रदान किए हैं."

यह भी पढ़ें:सावधान! ये आवाज ठग लेगी...अब तक इतनों को बनाया शिकार

धमतरी में लगाया गया शिविर:6 अप्रैल को धमतरी में समाज कल्याण विभाग द्वारा कृत्रिम हाथ पैर मापन शिविर का आयोजन किया गया था. शिविर में धमतरी और आसपास के क्षेत्रों से दिव्यांग शामिल हुए. यहां पुनर्वास केन्द्र के तकनीकी विशेषज्ञों की टीम ने दिव्यांगों के कटे हाथ पैरों को नाप कर उनके साइज का कृत्रिम हाथ पैर बनाया. उसके बाद दिव्यांगों को निःशुल्क ये कृत्रिम अंग प्रदान दिए गए.

ABOUT THE AUTHOR

...view details