रायपुर: राजधानी की रहने वाली एक महिला ने अपने हॉबी को करियर में बदला है. आज वो बोनसाई ट्री (bonsai tree) देशभर में ऑनलाइन बेच रही हैं. जी हां हम बात कर रहे हैं रायपुर की पूर्णिमा जोशी (Poornima Joshi) की, जिन्होंने लगभग 10 साल पहले बोनसाई ट्री बनाने का स्टार्टअप शुरू किया था. लेकिन आज धीरे-धीरे बोनसाई ट्री की डिमांड (demand for bonsai tree) बढ़ने लगी है. पूर्णिमा जोशी ने इसे स्टार्टअप (Startup) के तौर पर शुरू किया है. जिसका रिस्पॉन्स भी अच्छा मिल रहा है. बीते कुछ सालों में बोनसाई ट्री (bonsai tree) का चलन बढ़ा है. बोनसाई ट्री की सबसे खास बात यह है कि यह कम स्पेस वाली जगह यानी विंडो के आसपास या फिर बालकनी में आसानी से रखा जा सकता है. इसे रखने से ग्रीनरी महसूस होने के साथ साथ सुकून मिलता है.
10 साल पहले शुरू किया था बोनसाई ट्री बनाने का काम
बोनसाई ट्री (bonsai tree) की शुरुआत शौकिया तौर पर पूर्णिमा जोशी ने एक पेड़ के माध्यम से की थी. लेकिन बतौर करियर बोनसाई के कलेक्शन में उनके पास अलग-अलग फल और दूसरी तरह के बोनसाई ट्री के लगभग 400 कलेक्शन हैं. पूर्णिमा जोशी का कहना है कि बोनसाई ट्री का कलेक्शन (Bonsai Tree Collection) उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर शुरू किया है. जिसकी डिमांड भी है और लोग ऑनलाइन ऑर्डर भी कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि 3 इंच से लेकर 60 इंच तक के बोनसाई ट्री उनके पास मौजूद है. जिसकी कीमत 300 रुपए से लेकर लगभग 40 हजार रुपए तक है.
क्या होता है बोनसाई ट्री
बोनसाई का मतलब बौने पौधे या काष्टीय पौधों को छोटा आकार (small size of woody plants) या आकर्षक रूप प्रदान करने की एक जापानी कला या तकनीक है. इन छोटे-छोटे पौधों को गमलों में या फिर किसी पॉट में उगाया जा सकता है. इस कला के तहत पौधों को सुंदर आकार देना, पौधों को पानी देने की विशिष्ट विधि और एक गमले से निकालकर दूसरे गमले में रोपित करने की विधियां शामिल है. इस तरह के बहुत सारे बौने पौधों को घर में रखकर एक हरा भरा बगीचा बनाया जा सकता है. बोनसाई पौधों को गमले में इस प्रकार उगाया जाता है कि उनका प्राकृतिक रूप तो बना रहे लेकिन आकार में बौने रह जाएं. बोनसाई ट्री को पूरे घर के किसी भी कोने में आसानी से रखा जा सकता है.
हर तरह के पेड़ और फलों के पौधों को बनाया जा सकता है बोनसाई ट्री