रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में एससीएसटी युवकों के नग्न प्रदर्शन का मामला गूंजा. विधायक शिवरतन शर्मा ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाया.जिसके बाद विपक्ष ने हाईपावर कमेटी बनाकर मामले की जांच करने की मांग की.आपको बता दें कि विधानसभा सत्र के पहले दिन 50 से ज्यादा अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवकों ने नग्न प्रदर्शन किया था. ये युवक फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे.लेकिन कार्रवाई नहीं होती देख नौजवानों ने नग्न प्रदर्शन किया.जिसके बाद सरकार की किरकिरी हुई थी. विपक्ष ने इस घटना से छत्तीसगढ़ के शर्मसार होने की बात कही थी.
बीजेपी शासन काल में हुईं फर्जी नियुक्तियां :लेकिन इस मामले में मंत्री शिव डहरिया ने जवाब देकर सत्ता पक्ष को राहत देने का काम किया.मंत्री शिव डहरिया के मुताबिक जिन फर्जी नियुक्तियों की बात अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवा कर रहे हैं. उन लोगों की नियुक्तियां बीजेपी के शासन काल में हुईं हैं. 15 साल तक भाजपा ने फर्जी काम ही किए हैं. मंत्री शिव डहरिया के जवाब के बाद सदन में एक के बाद नेताओं के बयान आने लगे.
'' जो सरकार युवाओं को नंगा होकर प्रदर्शन करने पर मजबूर करे, इससे हम सभी शर्मसार हुए हैं.''- बृजमोहन अग्रवाल, बीजेपी विधायक
''एक साधु अगर नंगा होकर आता है तो पूजा की जाती है, लेकिन एक युवा अपने हक की बात करने आता है तो उस पर कार्रवाई होती है''- केशव चंद्रा, बीएसपी विधायक