रायपुर : छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले घोषणापत्र को लेकर राजनीति शुरु हो चुकी है.पिछली बार के चुनाव में कांग्रेस ने अपने 36 संकल्पों के जरिए जनता का विश्वास जीता था. इसी के बूते कांग्रेस ने 15 साल की बीजेपी सरकार को सत्ता से हटाया.वहीं बीजेपी घोषणापत्र को लेकर जमीनी स्तर पर मेहनत कर रही है.वहीं दोनों ही पार्टियों के बीच आम आदमी पार्टी ने अपनी 10 गारंटी जनता के सामने लाकर कहीं ना कहीं दोनों ही बड़े राजनीतिक दलों के लिए मुश्किलें जरुर पैदा कर दी है.आम आदमी पार्टी अपने 18 हजार वॉलिंटियर्स के जरिए प्रदेश के लिए घोषित गारंटियों को जनता के बीच पहुंचा रही है.
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी ने 10 गारंटी लाकर हर वर्ग को साधने की कोशिश की है.आम आदमी पार्टी ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान के मौजूदगी में छत्तीसगढ़ की जनता के लिए 10 गारंटी दी.जिसमें से 9 गारंटियों की घोषणा पार्टी सुप्रीमो ने की है.जबकि 1 गारंटी किसानों और आदिवासियों के लिए पार्टी ने बचा के रखी है.जिसकी घोषणा आगामी दिनों में होगी.लेकिन अपनी गारंटियों को लेकर आम आदमी पार्टी बीजेपी और कांग्रेस से पहले ही लोगों के घर तक पहुंच रही है.इसके लिए हर गांव और मोहल्ले में पार्टी ने अपने वॉलिटियर्स बनाएं हैं.
कांग्रेस और बीजेपी तैयारियों में जुटी :आम आदमी पार्टी के इस कदम के बाद अब प्रदेश की दो बड़ी पार्टियां कांग्रेस और बीजेपी ने भी जनता के सामने घोषणापत्र को लाने से पहले मंथन शुरु कर दिया है. कांग्रेस ने जहां घोषणापत्र को लेकर अहम बैठक की.जिसमें सभी वर्गों से सुझाव लेने के बाद ही घोषणापत्र को फाइनल टच देने की बात कही गई.वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नब्बे विधानसभा सीटों पर सुझाव पेटी भेज चुकी है.जिसमें वो लोगों के बीच जाकर उनसे सुझाव ले रही है.इसके अलावा ईमेल और वाट्सअप के जरिए भी बीजेपी सुझाव मंगवा रही है.
कांग्रेस ने जनघोषणा पत्र के लिए की अहम बैठक :सबसे पहले बात करते हैं कांग्रेस की घोषणापत्र को लेकर चल रही तैयारियों के बारे में.हाल ही में रायपुर में कांग्रेस की जनघोषणापत्र समिति की बैठक हुई. जिसमें जनघोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर,मंत्री शिव डहरिया,रविंद्र चौबे,अमरजीत भगत समेत प्रदेश प्रभारी कुमारी सेलजा और महिला विंग की नेताओं को शामिल किया गया. इस घोषणा पत्र समिति की बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई.जिसके आधार पर कांग्रेस अपना घोषणा पत्र तैयार करेगी.
कैसे तैयार कर रही है कांग्रेस अपना घोषणापत्र :कांग्रेस के जन घोषणा-पत्र को मजबूत बनाने के लिए युवा, किसान, मजदूर, नौकरीपेशा, महिलाएं, सरकारी कर्मचारी सभी वर्ग से 31 अगस्त तक सुझाव लिए जा रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर मेंं भी आम आदमी जाकर लिखित में अपना सुझाव दे सकते हैं. साथ ही ई-मेल- सीजीपीसीसीआरवायपी डॉट 2018-जीमेल डॉट कॉम पर भी कांग्रेस सुझाव मंगवा रही है.
''कांग्रेस लोगों से राय लेकर अपना घोषणा पत्र तैयार कर रही है. इस घोषणा पत्र में 2024 लोकसभा चुनाव का भी ध्यान रखा जाएगा. फिलहाल सदस्यों से सुझाव मांगे गए हैं.'' मोहम्मद अकबर,अध्यक्ष जनघोषणा समिति
महिलाओं से भी सुझाव ले रही है कांग्रेस :बैठक के बाद घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष मोहम्मद अकबर ने कहा कि महिलाओं के लिए एक सब कमेटी बनाई गई है. जिसमें हेमा देशमुख, वाणी राव, शेषराज हरबंश को शामिल किया गया है. जो महिलाओं के बीच जाकर महिलाओं से संबंधित सुझाव लेंगी.जिलाध्यक्षों से भी सुझाव लेने की बात कही गई है. प्रभारी कुमारी सेलजा ने भी बताया कि कांग्रेस ये जानने की कोशिश कर रही है कि लोगों के विचार क्या है. सभी सुझावों पर समिति विचार कर रही है.पांच साल में कांग्रेस सरकार ने सभी वर्ग के लिए काम किए हैं. पहले सबसे सुझाव ले रहें है, उसके बाद उस पर विचार किया जाएगा.
आपको बता दें कि कांग्रेस ने पिछली बार 36 बिंदुओं के आधार पर चुनाव लड़ा था.पिछली बार की तरह इस बार भी कांग्रेस हर जिले से लोगों का फीडबैक लेकर अपना घोषणा पत्र तैयार करना चाहती है. सभी सुझाव आने के बाद कांग्रेस के बड़े नेताओं के बीच घोषणापत्र समिति की बैठक होगी. इस बैठक से पहले कांग्रेस के दिग्गजों ने बीजेपी पर हमला बोला.
''बीजेपी कुछ भी कर ले उससे हमें कोई लेना देना नहीं है. बीजेपी का पहले से डब्बा गोल है. इस प्रदेश में. ना आदिवासी आरक्षण, ना अनुसूचित आरक्षण, ना पिछड़ा वर्ग आरक्षण, न ईडब्ल्यूएस का आरक्षण को समर्थन नहीं किया. उनके माथे में पहले से ही आरक्षण विरोधी छवि बनी हुई है.'' अमरजीत भगत, कैबिनेट मंत्री
बीजेपी ने कई महीने पहले ही शुरु की तैयारी :इसके उलट इस बार बीजेपी ने चुनाव से कई महीने पहले ही जनघोषणापत्र को लेकर तैयारी शुरु की है.जिसका अध्यक्ष सांसद विजय बघेल को बनाया गया है.जुलाई महीने में रायपुर जिला बीजेपी कार्यालय प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, अध्यक्ष अरुण साव और घोषणा पत्र समिति के अध्यक्ष की मौजूदगी में घोषणा पत्र बनाने के अभियान की शुरुआत हुई थी.