SCST Youths Naked Protest : एससीएसटी वर्ग के युवकों का नग्न प्रदर्शन, फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग - raipur Naked Protest
Naked Protest in chhattisgarh छत्तीसगढ़ की सड़कों पर मंगलवार सुबह अजीब नजारा देखने को मिला.एससीएसटी वर्ग के युवा पूर्ण नग्न होकर हाथों में तख्ती लिए सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे. raipur Naked Protest
एससीएसटी वर्ग के युवकों ने किया नग्न प्रदर्शन
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Published : Jul 18, 2023, 1:34 PM IST
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Updated : Jul 18, 2023, 2:10 PM IST
एससीएसटी वर्ग के युवकों ने किया नग्न प्रदर्शन
रायपुर : राजधानी की सड़कों पर पचास से ज्यादा युवकों ने अनोखा प्रदर्शन किया. ये युवक बिना कपड़ों के पूर्ण नग्न होकर सड़क पर नारे लगा रहे थे. जिस किसी ने भी इन युवकों को सड़क पर नंगी हालत में देखा वो ठहर सा गया.पुलिस प्रशासन भी इन युवकों को सड़क से हटाने की कोशिश करता रहा.लेकिन पुलिस प्रशासन भी युवकों को हटाने में नाकाम रहा.जिसके बाद ये सभी युवक हाथों में तख्ती लिए प्रदर्शन करते रहे.ये युवा एससीएसटी वर्ग के हैं. जो बिना आरक्षण वाले लोगों को आरक्षित सीट पर नौकरी मिलने के खिलाफ हैं.
पुलिस ने हिरासत में लिया : बिना कपड़ों के प्रदर्शनकारी युवक आमासिवनी से विधानसभा की ओर कूच कर गए. 50 से अधिक युवा बिना कपड़ों के सड़क के बीच प्रदर्शन कर रहे थे. युवाओं ने हाथ में एक तख्ती पकड़ रखी थी जिसमें जाति प्रमाण पत्र मामले को लेकर नारे लिखे थे. इस तख्ती को कुछ युवकों ने ऊपर हाथ में उठा रखा था तो कुछ ने इस तख्ती से अपने शरीर को ढंका था.प्रदर्शनकारी विधानसभा की सड़क पर नारे लगाते हुए जा रहे थे.लेकिन विधानसभा के पहले ही बैरिकेडिंग के पास तैनात पुलिस बल ने सभी को हिरासत में ले लिया.
क्यों कर रहे हैं युवा प्रदर्शन :युवाओं के मुताबिक छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद आरक्षित वर्ग में गैर आरक्षित वर्ग के लोग नौकरी कर रहे हैं. छोटे से लेकर बड़े पदों तक ऐसे लोगों की भरमार है.एससीएसटी वर्ग छानबीन समिति की माने तो शिकायत हुई तो सरकार ने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति गठित की. जिसकी रिपोर्ट के आधार पर सामान्य प्रशासन विभाग ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई को कहा था. जिसमें अधिकारी और कर्मचारियों को महत्वपूर्ण पदों से तत्काल हटाकर उन्हें बर्खास्त करने के आदेश जारी किए गए थे.
आदेश के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई :जांच के बाद कई लोगों के फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने का पता चला लेकिनकिसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रदर्शनकारियों के मुताबिक मई 2022 में एससीएसटी वर्ग के युवाओं ने इस मामले को लेकर 10 दिनों का आमरण अनशन भी किया था. सरकार ने अब तक फर्जी जाति मामले में नौकरी कर रहे लोगों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. जिसको लेकर एससी और एसटी वर्ग के युवाओं में खासी नाराजगी और गुस्सा देखने को मिल रहा है.
किस विभाग में कितने कर्मचारी हैं फर्जी :उच्चस्तरीय जाति छानबीन समिति का गठन साल 2000 में किया गया था. जिसमें कुल 758 प्रकरण मिले थे. 659 प्रकरणों में जांच की गई. जिसमें 267 मामलों में जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए. फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लोग भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी बनने के साथ ही चपरासी के पदों पर कार्यरत हैं. जिसमें सबसे अधिक नौकरी पाने वालों में 44 लोग खेल एवं युवा कल्याण विभाग में पदस्थ हैं. वहीं भिलाई इस्पात संयंत्र में 18 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं. सामान्य प्रशासन विभाग में 14 कर्मचारी और अधिकारी कार्यरत है. कृषि विभाग में 14 अधिकारी और कर्मचारी कार्यरत हैं.