रायपुर: छत्तीसगढ़ प्रदेश में डेंगू ने हाल ही में अपना विकराल रूप दिखाया था. डेंगू के साथ अन्य बीमारियों ने भी लोगों जोर पकड़ लिया है. लोगों को सर्दी जुकाम के साथ-साथ लंबे समय से बुखार का सामना करना पड़ रहा है. इन सबसे उभरने के बाद भी अब लोगों में एक गंभीर समस्या नजर आ रही है, वह है कमजोरी की. यह कोई ऐसी वैसी कमजोरी नहीं है, इसका असर अन्य वायरस से होने वाली बीमारियों के बाद वाली कमजोरी से भी दो गुना और ज्यादा समय तक असर दिख रहा है.
क्या है कमजोरी बढ़ने की वजह? : डॉ भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉक्टर आरएल खरे ने इस कमजोरी के बारे में जानकारी दी है. कोविड वायरस की तरह ही यह सीजनल वायरस है, जिसका नाम आरएनए वायरस है. यह भी अपने साइकिल में चलता है और यह वायरस अपना रूप भी चेंज करता है. कई बार ऐसा होता है कि छोटे-छोटे म्यूटेशन होकर या बड़ा म्यूटेशन बन जाता है और अपना रूप बदल लेता है. कई बार ऐसा होता है कि इस बीमारी की तीव्रता बढ़ जाती है. सीजनल फ्लू में मोस्टली ऐसा होता है कि लोग बहुत ज्यादा बीमार पड़ते हैं और बहुत ज्यादा फीवर बढ़ जाती है, जिससे वीकनेस भी बहुत ज्यादा देखने को मिलती है."
शरीर में पड़ रहा इस वायरस का असर : डॉक्टर आरएल खरे के अनुसार, इस सीजन का जो फ्लू है, उसमें यह देखने को मिला है कि एक तो फीवर बहुत ज्यादा तेजी के साथ लोगों में फैल रहा है. 104, 105 डिग्री तक बुखार लोगों को हो रहा है. सामान्य तौर पर फीवर दो से तीन दिन में कंट्रोल हो जाता है, लेकिन यह फीवर 5 से 7 दिन तक लोगों में दिखाई पड़ रहा है. फीवर ठीक होने के बाद भी खांसी और सर्दी लंबे समय तक चल रही है. वहीं वीकनेस जो है, वह दो हफ्ते तक रहती है. कुछ लोगों में कमजोरी 10 से 15 दिन तक भी देखने को मिल रही है.