Raman Singh Quip On CM Bhupesh Statement : सीएम भूपेश के बयान पर रमन सिंह की चुटकी, टिकट पर उठे विरोध पर कही ये बात
Raman Singh Quip On CM Bhupesh Statement छत्तीसगढ़ में बीजेपी की दूसरी सूची जारी होने के बाद कई जगहों पर विरोध के स्वर उठने लगे हैं.वहीं सीएम भूपेश बघेल ने ये कहकर राजनीति गर्म की कि दिल्ली में रमन सिंह की चलती है.इन दोनों ही मुद्दों पर रमन सिंह का बयान सामने आया है.जिसमें उन्होंने भूपेश के बयान पर चुटकी ली है.Raipur News
CM भूपेश के रमन की चलती है बयान पर रमन सिंह ने ली चुटकी
रायपुर : छत्तीसगढ़ में बीजेपी की दूसरी सूची के बाद अब पार्टी घोषणापत्र की तैयारियों को लेकर जुटी है.इसी कड़ी में रायपुर के प्रदेश बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में घोषणा पत्र समिति की बैठक आयोजित की गई. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रमन सिंह भी शामिल हुए.इस दौरान रमन सिंह ने सीएम भूपेश बघेल के बयान पर चुटकी भी ली.आपको बता दें कि बीजेपी की दूसरी सूची जारी होने के बाद भूपेश बघेल ने कहा था कि रमन की ही चलती है.
दिल्ली में रमन सिंह की कोई नहीं सुनता पर पलटवार :पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने घोषणा पत्र समिति की बैठक के बाद सीएम भूपेश के बयान पर चुटकी ली. सीएम भूपेश बघेल ने कुछ दिन पहले कहा था कि बीजेपी के अंदर रमन की ही चलती है.जिस पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने पलटवार किया.
''भूपेश बघेल कहते थे कि दिल्ली में डॉक्टर रमन की कोई सुनता नहीं. कोई पहचानता नहीं. आज कैसे भूपेश बघेल के स्वर बदल रहे हैं. डॉ रमन एक सामान्य सदस्य के रूप में शामिल होता है.'' रमन सिंह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बीजेपी
किन सीटों पर बीजेपी को ज्यादा उम्मीद ? :आगामी चुनाव में मुद्दों को लेकर किए गए सवाल पर रमन सिंह ने कहा कि विकास बस्तर में शांति और सुरक्षा के साथ ही राजनांदगांव क्षेत्र की उपेक्षा भूपेश बघेल के विरुद्ध बड़ा मुद्दा रहेगा. बस्तर की 12 सीटों और राजनांदगांव क्षेत्र की 8 सीटों पर चुनाव होने हैं. इन 20 सीटों पर बीजेपी के टिकट वितरण का कार्य पूरा होने के साथ ही इन सीटों पर बीजेपी को ज्यादा उम्मीद है.
विरोध को लेकर असंतोष लेकिन सभी का पार्टी में है सम्मान :भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशियों की सूची जारी किए जाने के बाद विरोध और ओबीसी फोकस को लेकर भी रमन सिंह ने बयान दिया. रमन सिंह ने कहा कि सभी को सम्मान और सभी को अवसर मिले इस बात की चिंता रहती है, लेकिन बहुत सारे दावेदार भी होते हैं. एक विधानसभा में 6 से 7 प्रत्याशी टिकट की दावेदारी करते हैं. लेकिन सभी को टिकट देना संभव ही नहीं है. ऐसे में पुराने कार्यकर्ताओं से बातचीत करके मामले को सुलझा लिया जाएगा.