रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव का ऐलान होने के बाद राजनीतिक दल एक दूसरे को घेरने में लगे हैं. जहां एक तरफ कांग्रेस छत्तीसगढ़ में बीजेपी के केंद्रीय नेताओं के दौरे और सभाओं पर सवाल उठा रही है.वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने कांग्रेस के नेताओं के दौरे के समय हुई आपा धापी को लेकर सरकार को घेरा है. कांग्रेस अब तक हुए बड़ी सभाओं में स्थानीय नेताओं को मंच में जगह नहीं मिलने का मुद्दा उठा रही है.वहीं दूसरी तरफ बीजेपी का दावा है कि बड़े नेताओं के दौरे के समय स्थानीय नेताओं की पूछ परख ना होना कांग्रेस पार्टी की प्रवृत्ति है. वहीं राजनीति के जानकार का मानना है कि छत्तीसगढ़ में बीजेपी के अंदर स्थानीय नेताओं की राजनीति में दखलअंदाजी कम हुई है.
कहां से हुई विवाद की शुरुआत ? : छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले पीएम मोदी की सभा हुई. रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में हुई सभा में बड़ा मंच तैयार किया गया.इस दौरान पूर्व मंत्री राजेश मूणत में सभा को सफल बनाने में जान फूंक दी.लेकिन सभा स्थल के मंच पर राजेश मूणत को प्रवेश नहीं मिला.इस दौरान राकेश मूणत अकेले दूसरे मंच पर कुर्सी लगाकर पीएम मोदी का भाषण सुनते नजर आए.बताया गया कि प्रोटोकॉल के तहत ऐसा किया गया.क्योंकि मूणत ना तो विधायक थे और ना ही पार्टी के पदाधिकारी.
ननकीराम कंवर को किया गया दरकिनार :दूसरी घटना बीजेपी कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर की है.जहां गृहमंत्री अमित शाह आए थे.इस दौरान प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकीराम कंवर ने उनसे मिलना चाहा.लेकिन ननकीराम कंवर की अमित शाह से मुलाकात नहीं हो पाई.
कांग्रेस को मिला मुद्दा :इन दोनों ही घटनाओं ने कांग्रेस को बीजेपी पर हमला करने का मौका दे दिया.कांग्रेस के आला नेता हर सभा में ये कहते नजर आए कि बीजेपी में कार्यकर्ताओं का सम्मान नहीं होता.जबकि कांग्रेस में छोटे से छोटे कार्यकर्ता की पूछ परख होती है.बार बार अमित शाह का नाम लेकर कांग्रेस ने ये बताने की कोशिश की है कि अमित शाह अपनी मीटिंग में सिर्फ कुछ नेताओं से मिलकर वापस लौट जाते हैं.स्थानीय नेताओं को उनसे मिलने की इजाजत नहीं है.
मोदी शाह प्राइवेट लिमिटेड बनीं बीजेपी :इस पूरे मामले में कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि कांग्रेस की सभी सभाओं में स्थानीय नेताओं और मंत्रियों को तवज्जो मिलती है.लेकिन बीजेपी ने ऐसा नहीं होता. बीजेपी मोदी शाह प्राइवेट लिमिटेड की तर्ज पर काम कर रही है. बाकी सदस्य उनके स्टाफ के मेंबरों की तरह हैं.
''छत्तीसगढ़ में बीजेपी के स्थानीय नेताओं की पूछ परख कम कर उन्हें किनारे कर दिया गया है. बाहर से नेताओं को बुलाकर स्थानीयों पर थोपा जा रहा है. स्थानीय नेताओं से पसंद ना पसंद नहीं पूछ रहे हैं.'' धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता कांग्रेस