रायपुर : प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट (PMLA) कोर्ट ने शराब घोटाले मामले में गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.जिसके बाद महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लो और नितेश पुरोहित की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है.तीनों ईडी की गिरफ्तारी के बाद डॉक्टरी रिपोर्ट के आधार पर जमानत पर बाहर हैं.
Warrant in Chhattisgarh Liquor Scam Case : शराब घोटाले मामले में PMLA कोर्ट ने जारी किया वारंट, अनवर ढेबर समेत तीन दोषी होंगे गिरफ्तार - PMLA
Warrant in Chhattisgarh Liquor Scam Case छत्तीसगढ़ शराब घोटाले मामले में दोषी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लो और नवीन पुरोहित की कभी भी गिरफ्तारी हो सकती है.फिलहाल तीनों जमानत पर बाहर है.लेकिन PMLA कोर्ट ने इस मामले में तीनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. PMLA Court Issued Warrant
By ETV Bharat Chhattisgarh Team
Published : Oct 14, 2023, 6:45 PM IST
सुप्रीम कोर्ट में जमानत के लिए लगाई याचिका : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में कथित तौर पर 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने व्यवसायी अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लों ने राजधानी रायपुर के विशेष पीएमएलए कोर्ट के सामने दस्तावेज और आवेदन दिया था. जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. शीर्ष अदालत ने सुनवाई की तारीख 19 अक्टूबर तय की है. उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले तक का इंतजार करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
कब हो सकती है तीनों की गिरफ्तारी :इस मामले में ईडी के वकील सौरभ कुमार पांडे ने बताया कि "विशेष कोर्ट पीएमएलए ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया है .तीनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. इस बार प्रवर्तन निदेशालय को वारंट मिल जाएगा जो संभवत सोमवार या मंगलवार को मिलने की संभावना है. जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय उन्हें गिरफ्तार कर लेगी."
पहले हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर लगाई थी रोक : इस मामले में हाई कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय को छत्तीसगढ़ में कथित शराब सिंडिकेट घोटाले के संबंध में जांच करने और कोई भी कठोर कदम उठाने से रोक दिया था. बाद में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अनवर ढेबर और राज्य उत्पाद शुल्क विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. अन्य याचिकाकर्ताओं में नितेश पुरोहित और त्रिलोक सिंह ढिल्लों थे. हाईकोर्ट ने सभी मामलों की एक साथ सुनवाई की.इसके बाद एक सामान्य आदेश जारी करते हुए शराब घोटाले के मामले में सभी आवेदकों की जमानत याचिका को खारिज कर दी.