रायपुर :मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने परिवहन विभाग की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का वर्चुअल शुभारंभ किया. इसमें महिला सुरक्षा के लिए निर्भया कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (जीपीएस) शामिल है. इस व्यवस्था के शुरू होने से जनता को किसी तरह के खतरे और अनहोनी से निपटने में काफी सहूलियत होगी. प्रदेश में कुल 12 हजार बसें संचालित हो रही हैं. जो अलग-अलग रूट में चलती हैं. इसी तरह राज्य में लगभग 6000 स्कूल बसें भी संचालित है. बसों में पैनिक बटन और जीपीएस के लगने से बसों की हर पल की जानकारी कंट्रोल सेंटर के पास रहेगी.
पैनिक बटन से मिलेगी सुरक्षा : विद्यार्थियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए निर्भया फ्रेमवर्क के अंतर्गत सभी स्कूल बस में पैनिक बटन लगाया जाएगा. व्हीकल ट्रैकिंग सॉफ्टवेयर के माध्यम से गाड़ियों की ट्रैकिंग की जाएगी. पैनिक बटन लगने से बस में किसी प्रकार की दुर्घटना, छेड़छाड़ होने पर बटन दबाने से तुरंत निर्भया कमांड सेंटर और पुलिस विभाग के डायल 112 को सूचना मिलेगी. इसके साथ ही बसों के लोकेशन, स्पीड का भी पता चलेगा रहेगा.
जानिए क्या है जीपीएस :ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम यानी जीपीएस एक ऐसा उपकरण है, जिसे अगर गाड़ी में फिट कर दिया जाए तो एक निर्धारित सर्वर पर गाड़ी के लोकेशन का पता लगाया जा सकता है. जीपीएस सिस्टम लगने से आपराधिक घटनाओं पर अंकुश लगेगा. बसों के सही रूट की जानकारी मिलेगी. महिला और बच्चों की सुरक्षा के लिए राज्य के सभी स्कूल बसों और यात्री बस को पैनिक बटन से लैस किया गया है.