रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 को कुछ ही महीने बचे हैं. ऐसे में अब अधिकारियों का राजनीतिक पार्टियों में प्रवेश का सिलसिला भी शुरू हो गया है. छत्तीसगढ़ के आईएएस नीलकंठ टेकम ने वीआरएस लेकर भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश कर लिया है. लंबे समय से नीलकंठ टेकाम के भाजपा में जाने की अटकलें लग रही थीं. 23 अगस्त को उन्होंने भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ली. ईटीवी भारत ने आईएएस की नौकरी छोड़कर भाजपा में प्रवेश करने, छत्तीसगढ़ में ईडी की कार्रवाई और कांग्रेस के कामकाज को लेकर नीलकंठ टेकाम से खास बातचीत की.
सवाल: 5 साल की नौकरी आपकी बची हुई थी लेकिन आपने आपकी नौकरी छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया?
जवाब:लोगों के मन में यह बातें आती हैं कि नौकरी पूरी करने के बाद राजनीति में प्रवेश कर रहे हैं. ऐसे में टीआरपी कम हो जाती है. इसलिए मैंने सोचा कि लोगों का विश्वास होना चाहिए कि वास्तव में जनसेवा के नाम से अपनी नौकरी छोड़कर राजनीति में जा रहा है.
सवाल: छत्तीसगढ़ के इतिहास की बात की जाए तो अजीत जोगी के अलावा अन्य कोई अधिकारी राजनीति में सक्सेज नहीं हो पाया. ऐसे में आप इसे कितना चैलेंजिंग मानते हैं?
जवाब: चुनौती हर क्षेत्र में है. प्रशासनिक सेवा में रहने वाला व्यक्ति जो होता है, वह हर रोज चुनौतियों का सामना करने में माहिर होता है. मुझे लगता है कि मैं राजनीतिक चुनौतियों का सामना कर सकता हूं.
सवाल: केशकाल में आप कलेक्टर रहे और आपकी दावेदारी भी वहीं से मानी जा रही है. क्या आपको पार्टी की ओर से कोई आश्वासन दिया गया है?
जवाब:मुझे उम्मीद है, मेरे प्रवेश के दौरान जिस तरह का वहां वातावरण बना, वहां हमारे केंद्रीय नेतृत्व और पूर्व मुख्यमंत्री और बहुत से जनप्रतिनिधि मौजूद थे. आज भी बड़ी संख्या में धन्यवाद ज्ञापित करने के लिए भारी संख्या में लोग आए. मुझे ऐसा लगता है कि मुझे केशकाल विधानसभा क्षेत्र के लिए परफेक्ट माना जाएगा.
सवाल: आप अधिकारी रहे हैं. आपने 15 साल का बीजेपी का शासन काल देखा और 5 सालों का कांग्रेस का शासन काल देखा है. अगर नंबर देने की बात कही जाए तो आप कांग्रेस सरकार को कितना नंबर देंगे?
जवाब: अगर मैं अभी कुछ बोलूंगा तो वह पक्षपात नजर आएगा. लेकिन हकीकत यह है कि कांग्रेस माइनस अंक की ओर है. अगर नंबर देने की बात कही तो मैं माइनस 2 या माइनस 3 नंबर दूंगा.
सवाल: बस्तर में अभी सुविधा नहीं पहुंच पाई हैं. ऐसे में आपके लिए कितना चुनौती पूर्ण होगा, उन सुविधाओं को वहां तक पहुंचाना?
जवाब:यही लोगों को समझना है कि केंद्र में और राज्य में एक ही पार्टी की सरकार होगी तो रफ्तार ज्यादा होगी. इस बात को आम जनता तक पहुंचाने की जरूरत है.