Conjunctivitis Spreading: एडिनोवायरस और स्टेफिलो कोकस बैक्टीरिया के कारण ज्यादा फैल रहा कंजेक्टिवाइटिस, सैंपल टेस्ट की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
छत्तीसगढ़ में आई फ्लू यानी कि कंजेक्टिवाइटिस का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. प्रदेश के कई जिले में लगातार आई फ्लू के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. इस बीच आईफ्लू के सैंपलों की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कंजेक्टिवाइटिस के नए वायरस में एडिनोवायरस और कोकस बैक्टीरिया बना है.
छत्तीसगढ़ में कंजेक्टिवाइटिस का संक्रमण
By
Published : Aug 1, 2023, 9:48 AM IST
|
Updated : Aug 1, 2023, 1:18 PM IST
छत्तीसगढ़ में कंजेक्टिवाइटिस का संक्रमण
रायपुर: कोरोना संक्रमण के बाद अब छत्तीसगढ़ प्रदेश में आई फ्लू यानी कि "कंजेक्टिवाइटिस" का संक्रमण तेजी से बढ़ता जा रहा है. हाल ही में प्रदेश में मरीजों के कंजेक्टिवाइटिस के सैंपल की जांच के लिए लैब भेजा गया था. जांच के बाद आए रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कंजेक्टिवाइटिस में एडिनोवायरस और कोकस बैक्टीरिया बना है. इसी वजह से यह पिछले अन्य सालों की तुलना में तेजी से फैल रहा है.
ज्यादा खतरनाक नहीं, लेकिन सावधानी है जरूरी: जिन लोगों को यह बीमारी हो रही है, उसमें दो प्रकार के हैं नए वायरस और बैक्टीरिया भी है. जो इस बीमारी के तेजी से संक्रमण के लिए जिम्मेदार है. यही वजह है कि यह बीमारी तेजी से फैल रही है. डॉक्टरों के अनुसार, वायरस और बैक्टीरिया का उपचार संभव है. इसलिए ज्यादा घबराने की बात नहीं है. यह दोनों नए वायरस बरसात में समान्य तौर पर बढ़ जाते हैं. जिसका उपचार करने से यह 3 से 5 दिन में ठीक हो जाता है. इस बीमारी की वजह से फिलहाल प्रदेश में
"दोनों नए वायरस और बैक्टीरिया का उपचार संभव है. लेकिन अगर 3 दिन में ठीक नहीं हो रहा हो या आंख की रोशनी कम हो गई हो या धूप की रोशनी में आप आंख नहीं खोल पा रहे हैं. तो ऐसी स्थिति में तुरंत डॉक्टर के पास जाकर जरूरी उपचार लेना आवश्यक है. यह वायरस सामान्य वायरस है, बहुत ज्यादा खतरनाक नहीं है. लेकिन इसमें संक्रमण भी होता है. इसलिए यह तेजी से फैल रहा है." - सुभाष मिश्रा, नोडल अधिकारी
ऐसे रोका जा सकता है संक्रमण: प्रदेश में कंजेक्टिवाइटिस की बीमारी फैलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा हुआ है. स्वास्थ्य अमला लगातार लोगों को आई फ्लू के बारे में जागरूक कर रहा है. और लोगों से सावधानी बरतने की अपील भी कर रहा है. "प्रदेश में आई फ्लू या आंख आने की बीमारी के बहुत से प्रकरण सामने आए हैं. इसलिए लोगों को सावधानी रखना बेहद जरूरी है. इस बीमारी से संक्रमित लोग और दूसरे लोगों से यदि दूरियां रखते है और सोशल डिस्टेंसिंग को फॉलो करते हैं. तो इसके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है.
संक्रमण फैलने से मोतियाबिंद के ऑपरेशन रूके: प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में जहां पर संक्रमण ज्यादा है. वहां पर मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है. क्योंकि ऑपरेशन वाली आंख में यदि संक्रमण फैल जाए, तो आंख जाने का खतरा होता है. जहां पर संक्रमण ज्यादा है, वहां मवाद बन जाने के बाद जांच करना कठिन होता है. जहां पर संक्रमण की स्थिति नहीं है, स्टाफ को डॉक्टरों को सभी को कंजेक्टिवाइटिस नहीं है, वहां पर ऑपरेशन किए जा रहे हैं.
प्रदेश में आई फ्लू के मरीजों के आंकड़े:छत्तीसगढ़ में 23 जुलाई तक कंजेक्टिवाइटिस के 19873 मरीज पाए गए हैं. बालोद में 1166, बलोदा बाजार में 1563, बलरामपुर में 50, बस्तर में 1165, बीजापुर में 85, बेमेतरा में 175, बिलासपुर में 1200, दंतेवाड़ा में 30, धमतरी में 541, दुर्ग में 3746, गरियाबंद में 32, जांजगीर में 267, जशपुर में 1540, कांकेर में 308, कवर्धा में 507, कोण्डागांव में 110, कोरबा में 105 कोरिया में 264 महासमुंद में 380 मुंगेली में 1015 नारायणपुर में एक 122 रायगढ़ में 315 रायपुर में 3668 राजनांदगांव में 1083, सुकमा में 50, सूरजपुर में 19, सरगुजा में 327, सक्ति में 95 मरीज आई फ्लू से संक्रमित हैं यह आंकड़ा 3 दिन पहले का है. नोडल अधिकारी का कहना है कि इनमें से 70 फीसदी लोग लगभग पूरी तरह ठीक हो चुके हैं.