CM Bhupesh Baghel letter to PM Modi: ओबीसी आरक्षण को लेकर CM भूपेश ने PM मोदी को लिखा पत्र, राष्ट्रीय जनगणना करवाने का किया अनुरोध - एनएमडीसी मुख्यालय को हैदराबाद से जगदलपुर
CM Bhupesh Baghel letter to PM Modi मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. सीएम भूपेश बघेल ने इस पत्र में ओबीसी के लिए राष्ट्रीय जनगणना करवाने और ओबीसी आरक्षण, एनएमडीसी मुख्यालय को हैदराबाद से जगदलपुर शिफ्ट करने जैसे विषय पर जल्द सकारात्मक फैसला लेने का प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है.
रायपुर:मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है. सीएम भूपेश बघेल ने अन्य पिछड़ा वर्गों के लिए अलग कोड निर्धारित कर राष्ट्रीय जनगणना करवाने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही सीएम बघेल ने स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए एनएमडीसी मुख्यालय को हैदराबाद से जगदलपुर शिफ्ट करने का भी अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री ने अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण जैसे संवेदनशील विषय पर देर न करते हुए जल्द सकारात्मक फैसला लेने का अनुरोध किया है.
राष्ट्रीय जनगणना करवाने किया अनुरोध: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर ओबीसी के लिए कोड निर्धारित कर राष्ट्रीय जनगणना करवाने का अनुरोध किया है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उठाया है. सीएम बघेल ने पत्र में कहा है, "अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विषय पर और विलम्ब न करते हुए आवश्यक पहल कर शीघ्र अतिशीघ्र सकारात्मक निर्णय लेने का कष्ट करें."
सीएम के पत्र में क्या है ?: सीएम बघेल ने लिखा है कि, "मेरे द्वारा अप्रैल 2023 में छत्तीसगढ़ राज्य के अन्य पिछड़ा वर्गों के व्यक्तियों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिये जाने तथा इस विषय को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने का आपसे अनुरोध किया गया था. आप सहमत होंगे कि सदियों से सामाजिक-राजनीतिक अधिकारों से वंचित बड़ी आबादी को संविधान प्रदत्त समानता एवं सामाजिक न्याय की भावना के अनुरूप आरक्षण का लाभ दिया जाना आवश्यक है."
सीएम भूपेश बघेल ने इस बात का भी जिक्र किया कि, "राज्य विधानसभा द्वारा दिसंबर 2022 में सर्वसम्मति से पारित विधेयक में राज्य में अनुसूचित जनजातियों, अनुसूचित जातियों, अन्य पिछड़ा वर्गों तथा ईडब्ल्यूएस के लोगों के लिये क्रमशः 32, 13, 27 एवं 4 प्रतिशत आरक्षण लागू करने संबंधी विधेयक पारित किया गया था. दुर्भाग्य से वह विधेयक अभी तक राजभवन में अनुमोदन हेतु लंबित है.समाज की बड़ी आबादी को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित रखने से उनके मन में रोष व्याप्त होना स्वाभाविक है. राज्य सरकार के सभी प्रयासों के बाद भी अन्य पिछड़ा वर्गों के लोगों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ न मिल पाना समझ से परे" है.