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Chhattisgarh Election 2023 : छत्तीसगढ़ में चुनावी साल में ज्यादा कर्ज ले रहे किसान, क्या किसानों को कर्जमाफी की है उम्मीद? जानिए किसान, कर्ज और सियासी गणित

Chhattisgarh Election 2023 छत्तीसगढ़ में इस साल चुनाव है. किसान बड़ा वोट बैंक हैं. साल 2018 में कांग्रेस का कर्ज माफी का वादा काम कर गया. किसानों ने कांग्रेस को अपना समर्थन दिया. इस बार चुनावी साल में किसान फिर ज्यादा कर्ज ले रहे हैं. क्या किसानों को एक बार फिर से कर्ज माफी की आस है या फिर कर्ज लेने के कोई और कारण हैं?

Chhattisgarh Election 2023
छत्तीसगढ़ में चुनावी साल के दौरान किसानों ने लिया ज्यादा कर्ज

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Published : Aug 8, 2023, 2:46 PM IST

Updated : Aug 8, 2023, 8:00 PM IST

छत्तीसगढ़ में चुनावी साल के दौरान किसानों ने लिया ज्यादा कर्ज

रायपुर :छत्तीसगढ़ में साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी. भूपेश बघेल की सरकार ने 16 लाख 65 हजार किसानों का कर्ज माफ किया. 6100 रुपए की कर्जमाफी के बाद भूपेश सरकार ने लगातार किसानों के हित में कई काम किए और योजनाएं भी लाईं. इस साल सरकार ने किसानों को 6100 करोड़ रुपए का कर्ज देने का टारगेट रखा है. 30 जुलाई 2023 तक 13 लाख 16 हजार 184 किसानों को 5 हजार 785 करोड़ रुपए का कर्ज दिया गया है. यह तय टारगेट का करीब 95 फीसदी है. खास बात यह भी है कि इस साल किसानों के कर्ज लेने का यह आंकड़ा पिछले 4 साल के आंकड़ों से काफी ज्यादा है.

छत्तीसगढ़ में किसानों को दिया गया कर्ज (5 साल के आंकड़े)

साल किसान रुपए
2018-19 9 लाख 94 हजार 245 किसान 3 हजार 287 करोड़
2019-20 11 लाख 34 हजार 219 किसान 3 हजार 981 करोड़
2020-21 12 लाख 65 हजार 910 किसान 4 हजार 495 करोड़
2021-22 12 लाख 99 हजार 681 किसान 4 हजार 747 करोड़
2023 -24 (30 जुलाई 2023) 13 लाख 16 हजार 184 किसान 5 हजार 785 करोड़

बीजेपी का सरकार पर हमला : छत्तीसगढ़ की सियासत में धान और किसान का मुद्दा अहम है. अब किसानों के ज्यादा कर्ज लेने पर भाजपा ने इसे सियासी मुद्दा भी बना लिया है.बीजेपी यह आरोप भी लगा रही है कि छत्तीसगढ़ में अमानक खाद बीज और कीटनाशक का बाजार बढ़ा है. जिसके कारण किसान आत्महत्याएं कर रहे हैं. छत्तीसगढ़ में कर्ज का नया इतिहास बन गया है. किसानों को अपनी आजीविका चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है.

'' जब से छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार आई है, लगातार किसानों का कर्ज बढ़ा है. 2018 -19 में 3287 करोड़ रुपए का कर्ज किसानों को लेना पड़ा. 2019-20 में 3981 करोड़ का कर्ज लेना पड़ा. 2020-2021 में 4495 करोड़ रुपए का कर्ज लेना पड़ा,वहीं 2021-2022 में 4747 करोड़ का कर्ज लिया गया. 2023 - 2024 की बात की जाए तो जुलाई 2023 तक 5785 करोड़ का कर्ज लिया गया है. जोड़ा जाए तो 14000 हजार करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज लिया गया है.'' -केदार गुप्ता, प्रवक्ता बीजेपी

छत्तीसगढ़ में कर्ज का नया इतिहास

बीजेपी की मानें तो 15 साल की रमन सरकार थी.उसके बाद कांग्रेस ने 12 हजार करोड़ का कर्ज माफ किया. मतलब ये है कि 15 साल में किसानों ने 12 हजार करोड़ का कर्ज लिया. वहीं वर्तमान में 4 साल में 14 हजार करोड़ से भी ज्यादा का कर्ज लिया है. छत्तीसगढ़ में भूपेश सरकार कहती है कि किसानों की स्थिति बेहतर है, लेकिन किसान इतना कर्ज क्यों ले रहे हैं?


बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस का पलटवार :बीजेपी के आरोपों पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर के मुताबिक प्रदेश में भूपेश बघेल की सरकार बनने के बाद खेती फायदे धंधा बन चुकी है. प्रदेश के किसान कर्ज मुक्त हुए हैं. प्रदेश के किसानों को धान की कीमत 2640 से 2660 रुपए मिली है. देश के किसी भी राज्य के किसानों को धान की कीमत इतनी नहीं मिल रही है. रमन सिंह सरकार के दौरान 18 लाख हेक्टेयर में धान की पैदावार होती थी. वह आज बढ़कर 32 लाख हेक्टेयर से ऊपर हो गया है. रमन सरकार में 12 से 15 लाख किसान धान बेचने के लिए पंजीयन कराते थे. आज प्रदेश के 29 लाख किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराया है.

'' जब खेती लाभ का धंधा बना तो किसानों की संख्या बढ़ी, रकबा बढ़ा है. फसल का सही दाम मिल रहा है. खाद बीज के लिए लोन मिल रहा है, इसलिए कर्ज का आंकड़ा बढ़ा है. पिछले 5 साल का रिकॉर्ड देखें तो हर किसान कृषि कार्य के समय सरकारी बैंकों से खाद बीज और कृषि कार्य के लिए ऋण लेते हैं. धान कटाई के बाद किसान धान सोसाइटी में बेचते हैं और राशि मिलने के बाद किसान कर्ज लौटा देते हैं. हमारी सरकार में बेहतर रिकॉर्ड बना है.'' -धनंजय सिंह ठाकुर, प्रवक्ता कांग्रेस

छत्तीसगढ़ का किसान खुशहाल




कांग्रेस का यह भी आरोप है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने किसानों को धोखा दिया है. अमानक खाद दिया जाता है. समय पर खाद नहीं मिलता. इससे मध्य प्रदेश, गुजरात ,हरियाणा जैसे भाजपा शासित राज्यों की हालत खराब है. छत्तीसगढ़ का किसान खुशहाल है.



क्यों कर्ज ले रहे हैं किसान : बीजेपी और कांग्रेस ने किसानों के कर्ज लेने के कारण को अलग-अलग तरह से बताया है.वहीं राजनीतिक जानकारों का मानना है कि किसान कर्ज माफी की उम्मीद से कर्ज नहीं ले रहे.भले ही सीएम भूपेश बघेल ने किसानों का कर्ज सीएम बनने के तीन घंटे के अंदर माफ किया हो.बावजूद इसके किसानों के लिए कई सारे काम किए. जिससे किसानों के अंदर सरकार के प्रति भरोसा पैदा हुआ.

किसानों के अंदर भरोसा

'' सरकार ने जिस तरह की योजनाएं बनाई, इससे किसानों को यह लगने लगा कि सरकार हमारे बारे में ज्यादा सोचती है. इन सारी चीजों को देखते हुए किसान एक जोखिम उठा रहा है और ऋण भी ले रहा है. किसान सहूलियत की स्थिति में आ गए हैं. पहले से तनाव कम हो गया है. किसान अपने आप को सेफ लाइन में पा रहे हैं. इसलिए वे कर्ज ले रहे हैं "- अनिरुद्ध दुबे, वरिष्ठ पत्रकार

क्या है भारतीय किसान यूनियन की राय :भारतीय किसान यूनियन छत्तीसगढ़ का अलग मत है. यूनियन के प्रवक्ता गिरधर पटेल की मानें तो पूर्ववर्ती सरकार मात्र 10 क्विंटल धान खरीदती थी. छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार आई है, 15 क्विंटल धान खरीदी की गई. अभी छत्तीसगढ़ सरकार ने 20 क्विंटल धान खरीदी करने की घोषणा की है. इसलिए किसान ज्यादा से ज्यादा उपज लेना चाहते हैं और खेती किसानी के काम में मदद के लिए ही कर्ज ले रहे हैं.

''मैं सरकार से निवेदन करना चाहता हूं कि जिस तरह से खेती बढ़ रही है, बीज, खाद कीटनाशक दवाई की बिक्री भी बढ़ी है. सरकार ऐसे में किसानों का एक-एक दाना उपज खरीदे. 2023 में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं. किसानों के मन में यह भी बात हो सकती है कि उनके द्वारा लिए जा रहे कर्ज की माफी हो जाए. लेकिन किसान तभी खुशहाल होगा, जब उनकी उपज का हर एक दाना सरकार खरीदे.'' -गिरधर पटेल, प्रवक्ता, भारतीय किसान यूनियन

किसानों को सरकार पर भरोसा :चुनावी साल में किसानों को उम्मीद है कि इस बार भी सरकार उनके हित में कई घोषणाएं कर सकती है. भले ही बीजेपी कांग्रेस पर ये आरोप लगा रही है कि पिछले 15 साल की बीजेपी सरकार और कांग्रेस की मौजूदा सरकार के दौरान लिए गए कर्ज में अंतर है. लेकिन ये भी बात माननी होगी कि किसानों की खेती का रकबा और पैदावार दोनों में बढ़ोतरी हुई है. किसानी के काम में परंपरागत किसान भी वापस लौटे हैं. ऐसे में जो कर्ज किसान ले रहे हैं, उसे वो पैदावार बेचकर चुकाते भी हैं.

Last Updated : Aug 8, 2023, 8:00 PM IST

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