रायपुर: गुरुवार को रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा (Raipur Municipal Corporation General Assembly) आयोजित की गई थी. इस सामान्य सभा में महापौर परिषद (Mayor Council)की जोरदार किरकिरी हुई. इस बैठक में वरिष्ठ कांग्रेसी विधायक सत्यनारायण शर्मा (Congress MLA Satyanarayan Sharma) और संसदीय सचिव विकास उपाध्याय (Vikas Upadhyay) पहुंचे हुए थे. उन्होंने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर ही सवाल खड़े कर दिए और महापौर परिषद को जमकर घेरा.
रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा में कांग्रेस विधायकों ने महापौर परिषद को घेरा यह भी पढ़ें:किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने पर रायपुर में किसानों की ट्रैक्टर रैली
सत्यनारायण शर्मा ने अवैध प्लॉटिंग का मुद्दा उठाया
सत्यनारायण शर्मा ने कहा कि लगातार शहर में अवैध प्लॉटिंग (illegal plotting in raipur) चल रही है. इसकी जानकारी मिल रही है, वही नालों को भी पाटकर प्लॉटिंग की जा रही है. लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. इसके अलावा बीएसयूपी मकानों के नाम पर भी ठगी (Cheating in BSUP houses) के मामले सामने आते हैं. लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. जिससे जनता का विश्वास सरकार पर कम होता है. इसके अलावा विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहां की स्ट्रीट लाइट (Street lights) बंद होने से अपराधों में बढ़ोतरी होती है. रायपुर नगर निगम (Raipur Municipal Corporation) को स्ट्रीट लाइट व्यवस्था सुधारने के लिए ध्यान देना होगा. सत्यनारायण शर्मा (Satyanarayan Sharma) यहीं नहीं रुके उन्होंने सफाई कर्मियों और सफाई में हो रही गड़बड़ी को लेकर भी लगातार शिकायतों को लेकर इसे जल्द से जल्द सुधारने की मांग की है. उन्होंने जल्द से जल्द इन समस्याओं को दूर करने के लिए नगर निगम को कहा है.
विकास उपाध्याय ने भी खड़े किए सवाल
संसदीय सचिव विकास उपाध्याय (Parliamentary Secretary Vikas Upadhyay) ने भी नगर निगम की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि अवैध प्लॉटिंग (illegal plotting ) के मामले लगातार आ रहे हैं. लेकिन उस पर करवाई नहीं हो रही है. विकास उपाध्याय ने पार्षदों को घेरते हुए कहा कि पार्षदों के इलाके में ही अवैध प्लॉटिंग होती है. लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि सारी जानकारी होने के बाद भी पार्षद इसका विरोध नहीं करते. ना ही एफआईआर करवाते हैं. इसे कहीं ना कहीं बड़ा सवाल खड़ा होता है. विकास उपाध्याय ने कहा कि पार्षद यहां बैठकर एक दूसरे को बेवकूफ बना सकते हैं. लेकिन जनता को बेवकूफ बनाने का प्रयास ना करें. नगर निगम एक पाठशाला की तरह है यहां गंभीरता से काम करें और काम सीखे. विकास उपाध्याय ने पार्षदों को जनता के प्रति उत्तरदायी होने की बात कही है.