रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है. हर रोज हजारों नए कोरोना मरीजों की पहचान हो रही है. राज्य में बिगड़ते हालातों पर रायपुर सांसद सुनील सोनी चिंता जताई है. उन्होंने भूपेश सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए हैं. सांसद ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में स्थिति दयनीय है. यहां ऑक्सीजन बेड नहीं हैं. वेंटिलेटर की भारी कमी है. निजी अस्पतालों में पैसे के बावजूद इलाज नहीं मिल रहा है. छत्तीसगढ़ ऐसे हालातों से जूझ रहा है.
भूपेश सरकार की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए केंद्र के वेंटिलेटरों का नहीं हुआ उपयोग
एमपी सुनील सोनी ने साफ कहा है कि हम राजनीति नहीं कर रहे हैं. भूपेश सरकार केंद्र सरकार के दिए गए वेंटिलेटर का उपयोग नहीं कर रही है. और 8 महीने बाद सवाल उठा रही है कि वेंटिलेटर खराब हैं. उन्होंने कहा कि जो वेंटिलेटर सही स्थिति में हैं उनका उपयोग किया जाए. स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने भी कहा कि कुछ वेंटिलेटर काम नहीं कर रहे हैं. उन्हें सुधारा जा रहा है.
छत्तीसगढ़ में उत्पादित मेडिकल ऑक्सीजन गैस अस्पतालों को प्रदान करने के आदेश
सेस के पैसे का नहीं हो रहा उपयोग
सांसद सुनील सोनी ने सेस (CESS) से मिली राशी के उपयोग पर भी सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना काल में लिए गए सेस की रकम का उपयोग नहीं कर रही है. उन्होंने सरकार से सवाल किया वो इस राशि को कब खर्च करेगी. सांसद ने कहा कि राज्य विषम परिस्थिति से घिरा है. कोरोना चरम पर है, अब नहीं तो कब पैसा खर्च किया जाएगा ?
बता दें Cess किसी खास काम के लिए अलग से लगाए गए टैक्स के रूप में ली गई रकम को कहा जाता है. राज्य सरकार ने कोरोना काल में शराब दुकान खोलने के बाद शराब पर अतिरिक्त सेस लगाया था. खास बात यह भी है कि सेस की रकम का उपयोग उसी कार्य में किया जा सकता है जिस खास वजह से सेस लिया जा रहा है.
रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिये मुंबई और हैदराबाद भेजे गए अधिकारी
टीवी पर आकर बताएं मुख्यमंत्री क्या व्यवस्था कर रहे
सांसद सुनील सोनी ने कहा कि सारे प्रदेश के मुख्यमंत्री टीवी पर आकर अपने किए जा रहे कामों के बारे में बता रहे हैं. लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री ऐसा कब करेंगे ? उन्होंने कहा कि सीएम को टीवी पर आकर अपने किए गए काम को बताना चाहिए ताकि जनता का विश्वास बना रहे. उन्होंने पूछा है कि मुख्यमंत्री ऐसा करने से आखिर क्यों डर रहे हैं ?
सांसद सुनील सोनी ने दिए सुझाव
⦁ ब्लॉक स्तर के अस्पतालों में ऑक्सीजन सेंटर बनाएं.
⦁ वेंटिलेटर की व्यवस्था करें.
⦁ सामुदायिक भवनों में ओपीडी चालू करें.
रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी
सांसद सुनील सोनी ने कहा कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी है. उन्होंने कहा कि वे पिछले 6 दिन से सरकार से कह रहे हैं कि रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर बात अन्य राज्यों से बात की जाए, जिससे प्रदेश में आपूर्ति की जा सके. सुनील सोनी ने का कहना है कि राज्य सरकार के पास इतना पैसा है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन मुफ्त में बंटवा सकती हैं.
राज्य सरकार के 2 महत्वपूर्ण फैसले
- कोरोना संक्रमण के उपचार के लिए उपयोग में आने वाले रेमडेसिविर (remedesivir) सहित अन्य आवश्यक दवाइयों और कुछ उपकरणों की शॉर्टेज छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रही है. जिसे भूपेश सरकार ने गंभीरता से लिया है. इनकी व्यवस्था के लिए 2 IAS अधिकारियों को मुंबई और हैदराबाद में तैनात किया गया है. अधिकारी भोसकर विलास संदीपन को उनके वर्तमान कर्तव्यों के साथ-साथ दवाइयों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मुंबई और छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के प्रबंध संचालक अरुण प्रसाद को हैदराबाद में नियुक्त किया गया है. ये दोनों अधिकारी अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य विभाग के लगातार संपर्क में रहकर काम करेंगे.
- छत्तीसगढ़ में उत्पादित 80 प्रतिशत अब मेडिकल ऑक्सीजन गैस के रूप में राज्य के अस्पतालों को प्रदान किया जायेगा. स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव सीआर प्रसन्ना के जारी आदेश में कहा गया हैं कि समस्त ऑक्सीजन गैस उत्पादन करने वाली संस्थाओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि ऑक्सीजन गैस का उत्पादन निरंतर बिना रुकावट के अपनी पूर्ण क्षमता के साथ फैक्ट्री में किया जाए. ( provide medical oxygen gas to hospitals)