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Corona patients hair loss problem: कोरोना की तीसरी लहर में कोरोना मरीजों की बाल झड़ने की समस्या में आई कमी, जानिए क्या कहते हैं डॉक्टर

कोरोना वायरस संक्रमण से मरीजों के शरीर पर बुरा (Corona patients hair loss problem) प्रभाव पड़ता है. लेकिन कोरोना के इन प्रभावों में सबसे ज्यादा असर बालों पर देखने को (hair loss problem decreased in third wave of corona) मिला है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान मरीजों के बालों के झड़ने की समस्या ज्यादा देखी गई. आइए जानते हैं कि डॉक्टर इस मुद्दे पर क्या सलाह दे रहे हैं.

Corona patients hair loss problem
कोरोना मरीजों की बाल झड़ने की समस्या

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Published : Jan 31, 2022, 6:25 PM IST

Updated : Feb 1, 2022, 10:58 AM IST

रायपुर: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोरोना (Corona patients hair loss problem) मरीजों को कई परेशानियों से दो चार होना पड़ रहा था. इनमें सबसे ज्यादा परेशानी बाल झड़ने की बीमारी को लेकर थी. लेकिन कोरोना की तीसरी लहर के दौरान अब कोरोना मरीजों को इस तरह की समस्या फेस नहीं (hair loss problem decreased in third wave of corona) करनी पड़ रही है. डॉक्टरों की माने तो कोरोना से रिकवर होने के बाद शुरूआती दिनों में मरीज के बाल झड़ जाते हैं.

कोरोना मरीजों की बाल झड़ने की समस्या

हेल्थ एक्सपर्ट और डॉक्टरों के मुताबिक यह एक तरह की टेलोजेन एफ्लुवियम (Telogen effluvium) बीमारी के कारण होता है. लेकिन कोरोना से रिकवर होने के 2 से तीन महीने बाद बाल फिर वापस आ जाते हैं. कोरोना से रिकवर होने वाले मरीज के बाल सामान्य दिनों की तुलना में 3 से 4 गुना ज्यादा झड़ जाते हैं

रायपुर के मेकाहारा में स्किन स्पेशलिस्ट डॉक्टर मृत्युंजय सिंह का कहना है कि इस बार कोरोना की स्थिति गंभीर नहीं है. दूसरी लहर के समय कोरोना की स्थिति गंभीर होने के साथ बाल झड़ने की समस्या देखने को मिल रही थी. लेकिन इस बार बाल झड़ने की समस्या कम ही देखने को मिल रही है.

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कोरोना बीमारी से मरीजों के बालों को होता है ज्यादा नुकसान

डॉक्टर मृत्युंजय सिंह का कहना है कि कोरोना से रिकवर होने के बाद मरीज के बाल तेजी से झड़ने लगते हैं. सामान्य दिनों की तुलना में तीन से चार गुना बाल झड़ जाते हैं. सामान्य दिनों में एक व्यक्ति के 52 से 100 बाल झड़ते हैं और रिकवर भी हो जाते हैं. लेकिन कोरोना या किसी दूसरी गंभीर बीमारी से स्वस्थ होने के बाद बाल झड़ने का सिलसिला 3 से 4 गुना बढ़ जाता है. जिसे रिकवर होने में भी काफी समय लगता है. ऐसे में पैनिक सिचुएशन क्रिएट हो जाता है. ऐसे समय में कोरोना से रिकवर हुए मरीज को अपने डाइट फूड हैबिट और लाइफस्टाइल को अच्छा रखने की जरूरत है. सामान्य व्यक्तियों में भी बाल झड़ने की समस्या आम तौर पर देखने को मिलती है जिसके पीछे कई तरह के कारण होते हैं. जिसमें हार्मोनल, जेनेटिकल और न्यूट्रीशनल समस्याएं होती हैं.

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टेलोजेन एफ्लुवियम(Telogen effluvium)बीमारी डालती है ज्यादा असर

हमारे हेयर ग्रोथ के दो फेज होते हैं. पहला ग्रोइंग फेज और दूसरा रेस्टिंग फेज. हमारे 70 से 80 प्रतिशत बाल ग्रोइंग फेज में होते हैं और बाकी बचे रेस्टिंग फेज में होते हैं. जब हमें डिप्रेशन होता है या अन्य किसी तरह से तनाव बढ़ता है और कुछ दिनों तक जारी रहता है तो हमारे ग्रोइंग फेज के 50% बाल रेस्टिंग फेज में चले जाते हैं. जब 50% बाल रेस्टिंग फेज में जाएंगे तो उसके बाद हेयर लॉस जैसी समस्या पैदा हो जाती है. इस समस्या को मेडिकल टर्म में टेलोजेन एफ्लुवियम कहते हैं

क्या होता है स्कैल्प इमेजिंग टेस्ट?

बाल झड़ने के लिए कई कारक जिम्मेदार होते हैं. इसकी ग्रोथ भी अनुवांशिकता पर आधारित होती है अगर आपको भी लग रहा है कि समस्या गंभीर है तो डॉक्टर की सलाह से स्कैल्प इमेजिंग टेस्ट करवा कर इसकी सही वजह पता करानी चाहिए. फिर इसका इलाज करवाना चाहिए

Last Updated : Feb 1, 2022, 10:58 AM IST

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