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बेशकीमती लकड़ियों की तस्करी का हब बन रहा रायपुर, 6 साल में 10 करोड़ की लकड़ी जब्त

रायपुर वन विभाग (Forest Department Raipur) ने कार्रवाई करते हुए लगभग 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की लकड़ी जब्त की है. इन लकड़ियों में साल, सागौन के साथ ही खैर की लकड़ी आदि शामिल है. जिन्हें तस्कर, तस्करी कर चीन भेजते हैं.

Forest Conservator Office
वन संरक्षक कार्यालय

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Published : Sep 21, 2021, 10:25 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर अब लकड़ी की तस्करी (Timber Smuggling) करने वालों के लिए हब बनता जा रहा है. बीते 6 सालों में वन विभाग (Forest Department Raipur) ने कार्रवाई करते हुए लगभग 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की लकड़ी जब्त (Wood worth more than 10 crore seized) की है. इन लकड़ियों में साल, सागौन के साथ ही खैर की लकड़ी आदि शामिल है. बीते दिनों वन विभाग ने रायपुर के पचपेड़ी नाका में कार्रवाई करते हुए अवैध रूप से रखे सागौन की लकड़ी जब्त (Teak Wood Seized) की है. जानकारी के मुताबिक बस्तर होते हुए ज्यादातर लकड़ियां रायपुर पहुंचती है. फिर रायपुर से अन्य राज्यों में सप्लाई की जाती है.

डीएफओ विश्वेश कुमार

रायपुर से मिल चुकी है 7 करोड़ की चंदन

छत्तीसगढ़ में रक्त चंदन यानी लाल चंदन लकड़ी (red sandalwood) ना के बराबर है. यह लकड़ी ओडिशा और आंध्र प्रदेश में ज्यादातर पाई जाती है. हैरानी की बात तो यह है कि 2016 में एक गोडाउन से 7 करोड़ की रक्त चंदन की लकड़ी बरामद (7 crore blood sandalwood recovered) की गई थी. इसके बाद 2020 में तिल्दा इलाके में ट्रॉली और एक ट्रक अवैध लकड़ी पकड़ी गई थी. जिसमें एक ट्रक चंदन की लकड़ी थी. विभागीय अधिकारियों की माने तो इन लकड़ियों को चीन भेजा जा रहा था. क्योंकि चीन में इस लकड़ी से अधिकांश मंदिर तैयार किये जाते हैं. चंदन की लकड़ियों को ओडिसा के रास्ते रायपुर लाया गया था. जिसे चीन भेजने की तैयारी की जा रही थी.

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मंदिर हसौद में पकड़ी गई 2 करोड़ की लकड़ी

इसी साल मार्च महीने में मंदिर हसौद थाना क्षेत्र अंतर्गत पुलिस ने एक कंटेनर ट्रक से भारी मात्रा में खैर की लकड़ी बरामद की थी. इस लकड़ी को छत्तीसगढ़, ओडिशा सीमा से पंजाब भेजा जा रहा था. हरियाणा नंबर के कंटेनर ट्रक से की जा रही लकड़ी तस्करी की सूचना (wood smuggling information) साइबर सेल की ओर से पुलिस और वन विभाग को दी गई. जिसके बाद छापामार कार्रवाई से दो करोड़ की खैर लकड़ी बरामद की गई थी. यह लकड़ी भी काफी कीमती मानी जाती है. इसका इस्तेमाल पान, कत्था और दवा बनाने में किया जाता है.

इनपुट मिलने के बाद की गई कार्रवाई

रायपुर डीएफओ विश्वेश कुमार (Raipur DFO Vishvesh Kumar) ने बताया कि तस्कर, लकड़ियों की तस्करी (Timber Smuggling) करने के लिए हाईवे का सहारा लेते हैं. जिसे लेकर अक्सर कार्रवाई की जाती रही है. लेकिन बैरियर कम और रोड ज्यादा होने की वजह से कार्रवाई करना संभव नहीं हो पाता है. मुखबिर से मिले इनपुट के बाद लगातार कार्रवाई कर तस्करी रोकने की कोशिश की जा रही है.

रायपुर के रास्ते अन्य राज्यों में पहुंचती है लकड़ियां

राजधानी के कारोबारी और वन विभाग के सूत्रों की माने तो हर 2 से 3 दिन की आड़ में बेशकीमती लकड़ियों से भरा ट्रक रायपुर पहुंचता है. प्रतिबंधित लकड़ियां खपाने का बड़ा गिरोह राजधानी समेत अन्य जिलों में भी सक्रिय है. लेकिन पुख्ता जानकारी नहीं मिल पाने की वजह से वन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर पाता है. जानकारी के मुताबिक कई बार जब वन विभाग की टीम छापामार कार्रवाई करती है तो पहले ही तस्करों को जानकारी मिल जाती है. जिसकी वजह से तस्कर अपना रूट बदल लेते हैं.

यहां हुई कार्रवाई

  • मार्च 2021 फाफाडीह चौक के उमिया मार्केट से करीब दो करोड़ की लकड़ी बरामद.
  • 2016 में विधानसभा रोड स्थित गोदाम से सात करोड़ का रक्त चंदन बरामद.
  • 9 सितंबर 2021 को पचपेड़ी नाका स्थित आरा मिल से सागौन की लकड़ी बरामद.
  • मार्च 2021 को दो करोड़ की बेशकीमती खैर लकड़ी के साथ पकड़े गए तस्कर.

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