रायपुर: लॉकडाउन के दौरान पार्टी और गोलीकांड के बाद क्वींस क्लब लगातार चर्चा में बनी हुई है. अब इस क्लब में एग्रीमेंट और संचालन को लेकर भी विवाद शुरू हो चुका है.
क्वींस क्लब के लीजधारी पार्टी को नोटिस दरअसल, क्वींस क्लब छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड की प्रॉपर्टी है. इस हाउसिंग बोर्ड की तरफ से विधायकों के लिए कॉलोनी बनाने के साथ ही उनके लिए क्लब हाउस के नाम पर क्वींस क्लब को बनाया गया था.
प्रॉपर्टी को थर्ड पार्टी को देने का मामला
ईटीवी भारत की पड़ताल में ये बात सामने आई है कि हाउसिंग बोर्ड ने 2008 में ही हरबख्श सिंह बत्रा को पूरी प्रॉपर्टी के संचालन का लीज दिया था, लेकिन उन्होंने प्रॉपर्टी किसी और को लीज पर दे दी. अब इस घटना के बाद हाउसिंग बोर्ड की प्रॉपर्टी पर किसी थर्ड पार्टी की ओर से क्लब का संचालन करने की शिकायत मिली है.
10 दिन के भीतर मांगा जवाब
इस पूरे मामले में हाउसिंग बोर्ड ने अपने लीजधारी पार्टी को नोटिस जारी करते हुए 10 दिन के भीतर जवाब मांगा है. साथ ही लीज रद्द करने की चेतावनी भी दी गई है. हाउसिंग बोर्ड के अध्यक्ष कुलदीप जुनेजा ने बताया कि बोर्ड की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि बोर्ड की अनुमति के बिना लीज दूसरे लोगों को कैसे दे दी गई.
कई साल से लीज रेंट भी नहीं हुआ जमा
पड़ताल में ये भी बात सामने आई कि क्लब को बीओटी के तहत चलाने के लिए बोर्ड ने एग्रीमेंट किया था. इसके तहत संबंधित लिजधारी को प्रारंभिक राशि के रूप में 1 करोड़ 70 लाख और हर साल 12 लाख रुपए की लीज हाउसिंग बोर्ड को देनी थी. बोर्ड के अफसरों की मानें तो कई साल से लीज रेंट भी नहीं जमा किया गया है.
सख्त कार्रवाई की मांग
छत्तीसगढ़ नागरिक संघर्ष समिति ने इस मामले को लेकर गंभीर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री, मुख्यसचिव, पुलिस महानिदेशक और प्रमुख सचिव नगरीय प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है. संघर्ष समिति के अध्यक्ष विश्वजीत मित्रा ने इसे गंभीर बताया है.
अब देखना ये होगा कि इस क्लब के नए तरीके से संचालन को लेकर छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड जल्द ही कोई फैसला लेता है या नहीं.