रायपुर:हालांकि विपक्ष का कहना है कि छत्तीसगढ़ में यह राष्ट्रीय महाधिवेशन का आयोजन हुआ. इस वजह से बघेल को विशेष तवज्जो दी गई है. क्योंकि कांग्रेस के पास छत्तीसगढ़ राजस्थान और हिमाचल के अलावा कोई अन्य राज्य नहीं है. लेकिन राजनीति के जानकार का कहना है यह महज राजधानी में अधिवेशन होने की वजह से नहीं दिख रहा है. बल्कि भूपेश बघेल का कद बढ़ा है. आखिर क्या सचमुच में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कांग्रेस में राष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ा है.
"भूपेश बघेल एक कद्दावर नेता":कांग्रेस के राष्ट्रीय अधिवेशन के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता अखिलेश प्रताप सिंह से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कद को लेकर चर्चा की गई. जिस पर उन्होंने कहा कि "भूपेश बघेल वह कद्दावर लीडर है. बघेल ने छत्तीसगढ़ में जो रोल मॉडल बना दिया है. वह पूरे देश के लोग गैर कांग्रेसी राज्य वह भी अनुसरण कर रहे हैं. इतना अच्छा काम कर रहे हैं. वह उसकी नकल हर देश हर राज्य कर रहा है. बीजेपी का काम ही विरोध करना है. वह घबराई हुई है उन्होंने अधिवेशन के पहले ईडी भेजा क्या हुआ कांग्रेसी डरने वाले नहीं है."
"3 राज्यों के अलावा इनके पास नहीं था कोई दूसरा प्रदेश": भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी का कहना है कि "कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन राजस्थान, छत्तीसगढ़, या फिर हिमाचल में ही हो सकता था. क्योंकि और कोई प्रदेश इनके पास नहीं है. भूपेश जी की मजबूती का जहां तक प्रश्न है. यहां छत्तीसगढ़ की जनता तय करेगी, वह तो मुख्यमंत्री है ही , जो सवाल भाजपा मुख्यमंत्री जी से कर रही है. जनता जो सवाल कर रही है, उन सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं. उसके बदले में राष्ट्रीय अधिवेशन हो रहा है. जनता कह रही हमें राष्ट्रीय अधिवेशन से क्या है. हमें उन वादों के पूरे होने से मतलब है. जो कांग्रेस ने चुनाव के पहले किए थे. वह वादे नहीं पूरे किए जाने पर जनता कांग्रेस की विदाई तय कर चुकी है."
"दिल्ली की राजनीति में मजबूत हो चुके हैं बघेल": पार्टी में भूपेश बघेल के कद बढ़ने को लेकर राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा का कहना है कि "भूपेश बघेल पहले भी दिल्ली की राजनीति में मजबूत हो चुके अपने बातों और अपने तरीकों से असम में प्रचार करने गए. यूपी में प्रचार करने गए, जहां भी चुनाव था उनको भेजा गया. हिमाचल प्रदेश में गए प्रमुख बनकर कर गए. यह समझ में आ गया कि हाईकमान की नजर में वह व्यक्ति है. अब यह कहा जाता कि वे एटीएम हैं, पैसा देता है इसलिए कहा जाता है. कारण कुछ भी हो, लेकिन महत्व तो है."
"भूपेश बघेल युवा काल से ही लड़ाकू":राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार बाबूलाल शर्मा का कहना है कि "मुझे जो लगता है मैंने जो देखा है भूपेश बघेल के उसकी युवावस्था से वह लड़ाकू हैं. वह किसी भी चीज पर लड़ने को तैयार रहते हैं. उनको लड़ना आता है. उनकी वह शैली भी शायद हाईकमान को पसंद है. भाई यह व्यक्ति हमेशा लड़ाकू रहा है. लड़ता रहा है. यह रास्ता बनाएगा मोदी जैसे व्यक्ति से लड़ने का जब हम रास्ता अपनाएंगे. तो ये इसमें प्रमुख रहेगा ऐसा सोचते होंगे."