नई दिल्ली/रायुपर:कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ सरकार की तारीफ की है. प्रवासी मजदूरों की हालत और उनकी सहायता को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि 'जहां-जहां कांग्रेस की सरकारें हैं, वहां श्रमिकों की मदद की जा रही है'. उन्होंने कहा कि 'छत्तीसगढ़ सरकार डायरेक्ट पैसा दे रही है. मनरेगा पर फोकस हो रहा है. हमारी रणनीति मजदूरों को सहायता पहुंचाने की है'.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि 'देश के किसान और मजदूर कोरोना महामारी और लॉकडाउन के कारण हताशा से घिरे हुए हैं'. उन्होंने पीएम मोदी से राहत पैकेज की दोबारा समीक्षा करने की अपील की है. गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गत 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज का एलान किया था.
20 अप्रैल से चल रहा काम
छत्तीसगढ़ सरकार ने संकट के समय में मजदूरों को 20 अप्रैल से मनरेगा में काम देने की मंजूरी देकर, इनकी जिंदगी पटरी पर लाने की कोशिश की है. केंद्र सरकार मनरेगा के तहत राज्यों को वर्ष 2020-21 के लिए 20,226 करोड़ रुपए की धनराशि जारी कर चुकी है. इससे पहले केंद्र सरकार ने लॉकडाउन को देखते हुए मनरेगा में राष्ट्रीय औसत मजदूरी में 20 रुपए की बढ़ोतरी की भी घोषणा की थी. लॉकडाउन से खासकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बुरी तरह झटका लगा है, जिसे देखते हुए सरकार ने ग्रामीण अंचलों में रोजगार के साधन खोल दिए हैं.
छत्तीसगढ़ 9 हजार 883 ग्राम पंचायतों में चल रहा काम
लॉकडाउन में राज्य सरकार ने निर्देशों के तहत ग्रामीण स्तर पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ख्याल रखते हुए मजदूरों को मनरेगा में काम दिया गया है. लॉकडाउन में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्रामीणों को रोजगार देने में छत्तीसगढ़ देशभर में पहले स्थान पर है. मनरेगा कार्यों में लगे कुल मजदूरों में से करीब 24 फीसदी अकेले छत्तीसगढ़ से हैं. यह संख्या देश में सर्वाधिक है. प्रदेश की 9,883 ग्राम पंचायतों में चल रहे विभिन्न मनरेगा कार्यों में अभी 18 लाख 51 हजार 536 श्रमिक काम कर रहे हैं.