रायपुर: कलर डॉपलर वेदर राडार के लग जाने के बाद मौसम की सही और सटीक जानकारी आम लोगों के साथ ही किसानों को मिलेगी. Radar will be installed in Agriculture University भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र के द्वारा यह काम लगभग 3 महीने के दौरान पूरा कर लिया जाएगा. इस राडार को लगाने में लगभग 10 करोड रुपये का खर्च आएगा. Farmers get accurate weather information कलर डॉपलर के लग जाने से मध्य भारत को मौसम से संबंधित सही और सटीक जानकारी मिल सकेगी.
मौसम, कृषि और एविएशन को मिलेगा लाभ: नागपुर मौसम विभाग के उप महानिदेशक एमएल साहू ने बताया कि "कलर डॉपलर वेदर राडार तीन प्रकार के होते हैं, जिसमें पहला सी बैंड, दूसरा एस बैंड और तीसरा एक्स बैंड होता है. Agriculture University of Raipur रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में लगाए जाने वाला कलर डॉपलर वेदर राडार सी बैंड का होगा. इस राडार के लग जाने से मौसम की सही और सटीक जानकारी आम लोगों को, किसानों को और एविएशन को मिल सकेगी.
रायपुर के कृषि विश्वविद्यालय में लगेगा राडार, किसानों को मिलेगी मौसम की सटीक जानकारी
रायपुर के इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में मौसम राडार लगाए जाने को लेकर अनुबंध किया गया. Radar will be installed in Agriculture University यह अनुबंध भारतीय मौसम विज्ञान केंद्र और इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के बीच हुआ. छत्तीसगढ़ में पहला कलर डॉपलर वेदर राडार लगाया जाएगा. जिसके लिए इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के साथ जमीन को लेकर अनुबंध किया गया. Agriculture University of Raipur राडार का मदद से मौसम की सही और सटीक जानकारी किसानों को मिलेनोंगी.
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किसानों को मौसम के पूर्वानुमान का मिलेगा लाभ: यह राडार आइस पार्टिकल और वाटर पार्टिकल को अलग से बता सकता है. खराब मौसम होने पर किसानों को पूर्वानुमान बताया जा सकता है. उन्होंने बताया कि कलर डॉपलर वेदर राडार की प्रक्रिया 10 साल पहले शुरू की गई थी. इसके लिए भूमि का चयन एयरपोर्ट में कर लिया गया था, लेकिन वहां पर ऊंचाई की समस्या आने के कारण राडार नहीं लगाया जा सका."
"सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा":इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर गिरीश चंदेल ने बताया कि "पूरे देश में कलर डॉपलर वेदर राडार 35 जगहों पर लगे हुए हैं. तीन नए जगहों पर कलर डॉपलर वेदर राडार लगाए जाने हैं, जिसमें विशाखापट्टनम, नागपुर और संबलपुर है." इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति के मुताबिक "इसके लग जाने से सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा. आंधी तूफान पानी गिरने के पहले सटीक जानकारी किसानों को मिल सकेगी. इस राडार के माध्यम से किसानों को यह भी बताया जा सकता है कि अपने खेतों में बुवाई या जुताई का काम कब करें."