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छत्तीसगढ़ विधानसभा सत्र: संसदीय सचिवों की नियुक्ति पर मचा बवाल, विपक्ष ने दागे तीखे सवाल - विधानसभा के मानसून सत्र में संसदीय सचिव का मुद्दा

छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला भी गरमाया. धरमलाल कौशिक, बृजमोहन अग्रवाल और अजय चंद्राकर ने संसदीय सचिवों का परिचय सदन में नहीं कराए जाने को लेकर सवाल उठाया. इस पर सीएम भूपेश बघेल और वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब दिया.

chhattisgarh assembly 2020
छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र

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Published : Aug 26, 2020, 5:08 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन सदन में कई मुद्दों को लेकर प्रश्न रखे गए. इन सबके बीच सबसे बड़ा मुद्दा प्रदेश में हाल ही में नियुक्त किए गए संसदीय सचिवों का रहा. विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा कि संसदीय सचिवों का परिचय सदन में नहीं कराया गया.

धरमलाल कौशिक और अजय चंद्राकर ने ये सवाल भी उठाया कि जब पूर्व सरकार के वक्त संसदीय सचिव की नियुक्ति का कांग्रेस विरोध करती थी. वन मंत्री मोहम्मद अकबर इसके खिलाफ कोर्ट तक गए. अब वही पार्टी क्यों संसदीय सचिवों की नियुक्त कर रही है. पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने भी संसदीय सचिव की स्थिति को लेकर सर्कुलर जारी करने की मांग की.

'संसदीय सचिवों को किसी प्रकार की सुविधा नहीं'

इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधि मंत्री मोहम्मद अकबर ने उत्तर दिया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधि मंत्री मोहम्मद अकबर ने जवाब देते हुए कहा कि संसदीय सचिवों को मंत्री का दर्जा नहीं दिया गया है. विधानसभा में वे उत्तर भी नहीं दे सकते. उनको अलग से कार्यालीन कार्य के लिए कमरा भी नहीं दिया गया है. संसदीय सचिव किसी कागज में हस्ताक्षर भी नहीं कर सकते हैं. संसदीय सचिवों को किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जा रही है.

'विधानसभा के कार्यों में मंत्रियों का सहयोग करने की गई नियुक्ति'

मंत्री मोहम्मद अक़बर ने जवाब में कहा- उच्च न्यायालय के निर्देश आए हैं, उनका पालन किया गया है. विधायकों के अधिकार के बारे में नियमावली में है, संसदीय सचिव को उत्तर देने का अधिकार नहीं है. केवल सहायता के नियुक्त किया गया है. जो मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है उस पर चर्चा नहीं हो सकती. संसदीय सचिव को विधानसभा के कार्यों में मंत्रियों को सहयोग करना है.

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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि, 'क्या इसके पहले विधानसभा में संसदीय सचिवों का परिचय कराया गया है. संसदीय सचिवों के मामले पर यह फैसला आपकी सरकार के समय आया था. क्या आपने उस फैसले के बारे में अवगत कराया. मैं समझता हूं कि संसदीय सचिव के बारे में और कोई चर्चा की आवश्यकता नहीं है.'

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