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रायपुर के पंडित मनोज शुक्ला के पास है 132 साल पुराने धार्मिक ग्रंथों की विरासत - धार्मिक पुस्तकों का संकलन

आज के इस डिजिटल दौर में लोग पुस्तक और किताबों से बचते हैं, लेकिन रायपुर के एक पुजारी आज भी अपने पूर्वजों की दी हुई विरासत, उनकी दी हुई धार्मिक किताबों और ग्रंथों को सहेजकर रखे हुए हैं.

132 years old religious texts
पं. मनोज शुक्ला के पास हैं 132 साल पुराने ग्रंथ

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Published : Apr 27, 2021, 10:47 PM IST

रायपुर: आज के समय में जहां कंप्यूटर और सोशल मीडिया में हर तरह की धार्मिक पुस्तकों के पीडीएफ उपलब्ध हैं. वहीं आज भी कुछ लोग ऐसे भी हैं जो वर्षों पहले प्रकाशित हुए धार्मिक और ज्योतिष ग्रंथ को सहेजे हुए हैं. ऐसा ही एक अनूठा संग्रह वास्तु और ज्योतिष सलाहकार पंडित मनोज शुक्ला के पास मौजूद है. पं. मनोज शुक्ला रायपुर के मां महामाया मंदिर में मुख्य पुजारी हैं. उनके पास अपने दादा, नाना और पिताजी के दिए हुए कई विशिष्ट ग्रंथ और धार्मिक पुस्तकों का संकलन है.

पं. मनोज शुक्ला के पास हैं 132 साल पुराने ग्रंथ

पं. मनोज शुक्ला ने अपने दादा पंडित दधिबलि शुक्ला के साल 1889 से 2021 तक, यानी 132 साल पुराने ग्रंथ और धार्मिक पुस्तकों को सहेज कर रखा है. इतना ही नहीं उनके पास पिछले 100 साल में प्रकाशित हुए 350 से ज्यादा पंचांग भी मौजूद है. जिनका वे लगातार अध्ययन करते रहते हैं. इसके साथ ही वे अन्य लोगों को भी इसे पढ़ने के लिए देते हैं.

वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हैं मनोज शुक्ला के नाम

इन्हीं ग्रंथों के संकलन की वजह से पं. मनोज शुक्ला का नाम विभिन्न वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है. अब लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी उनका नाम दर्ज होने वाला है. इसके लिए प्रक्रिया भी पूरी की जा चुकी है. जल्द ही पंं. मनोज शुक्ला का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में दर्ज होने की संभावना है.

ग्रंथों का संकलन

पं. मनोज शुक्ला का दावा है कि उनके पास:

  • 4 वेद
  • 6 उपनिषद्
  • 18 पुराण
  • उप पुराण
  • महाभारत उपनिषद
  • छत्तीसगढ़ी शिव पुराण
  • छत्तीसगढ़ी श्रीमद् भागवत
  • मनुस्मृति
  • हिंदुस्तान के लोगों का संक्षिप्त इतिहास सन् 1889
  • हिमालयन चित्र दर्शन
  • बद्रीनाथ जी सन् 1905
  • स्त्री उपदेश सन् 1909
  • औषधियों की सूची सन् 1922
  • भारत वर्ष के इतिहास की सरल और सचित्र कहानियां सन् 1923

तीनों महाशक्ति के रूप में विराजमान हैं रायपुर की मां महामाया

  • श्रीमद् देवी भागवत सन् 1925
  • शंकराचार्य महत्तम सन् 1926
  • व्रत परिचय सन् 1956
  • एकादशी महत्तम सन् 1965
  • श्री गौरांग लीला सन् 1978
  • योग विद्या सन् 1982
  • इंटरनल रामायण अंग्रेजी सन् 1983
  • ब्रह्म ज्ञान और वैदिक गीता सन् 1984
  • श्रीमद्भागवत गीता सन् 1987
  • यज्ञ मीमांसा पद्धति मंत्र
  • शारदा तिलक निर्णय सिंधु आदि का संकलन है.
    ग्रंथों का संकलन

ज्योतिष ग्रंथों में इनके पास:

  • शताब्दी पंचांग
  • ज्योतिष पीयूष
  • वृहद ज्योतिष सार
  • लग्न चंद्र प्रकाश
  • मानसागरी पद्धति
  • भारतीय ज्योतिष पद्धति
  • रावण संहिता
  • भृगु संहिता
  • भाग्य दर्पण आदि का संकलन है.

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