रायपुर: आज मदर्स डे है. मदर्स डे तो 1 दिन मनाया जाता है लेकिन एक मां के लिए हर दिन महत्वपूर्ण होता है. एक मां की ड्यूटी कभी खत्म नहीं होती. लेकिन क्या आप अपनी इस ड्यूटी से खुश है, या फिर कोई कमी है. ऐसे तमाम सवालों के जवाब साइकोलॉजिस्ट जेसी आजवानी दे रहे हैं.
1 घंटे का क्वॉलिटी टाइम भी वरदान:आजवानी बताते हैं कि सभी अच्छे माता पिता बनना चाहते हैं. अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करना चाहते हैं लेकिन आज के दौर में माता पिता का बच्चों की परवरिश का तरीका बदल गया है. परिवेश के हिसाब से बच्चों में परिवर्तन आता रहता है. आधुनिक परिवेश में आज के युवा अलग ही ढंग से अपना जीवन जी रहे हैं. आधुनिक युग में इंटरनेट सोशल मीडिया के युग में बच्चों में उपलब्धियां भी डेवलप हो रही है. कई बार इसका उल्टा भी होता है. माता-पिता वर्किंग होते हैं. ऐसे में वो अपने बच्चों पर पूरा ध्यान नहीं दे पाते. अधिकतर माता-पिता कहते हैं कि हमें समय नहीं मिल पाता है. समय कभी क्वॉन्टिटी में नहीं मापना चाहिए. उसे क्वॉलिटी में मापना चाहिए. यदि आप दिन भर में एक घंटा भी अपने बच्चों के साथ क्वॉलिटी समय बिताते हैं, वह उनके लिए वरदान है.
दिनभर में एक बार पूरा परिवार साथ मिलकर खाना खाएं:बच्चों के साथ सहज रहने के लिए उनके साथ समय बिताएं. दिन में एक बार खाना साथ खाएं. उनसे हर बात पर डिस्कस करें. जितना भी समय हो बच्चों के साथ हंसते खेलते बिताएं. इससे पैरेंटिंग की राह आसान हो जाएगी. पैरेंट्स और बच्चों का कनेक्शन बनेगा.-जे.सी आजवानी, साइकोलॉजिस्ट