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रायपुर में अनुकंपा नियुक्ति की मांग पर हल्लाबोल - Chhattisgarh Late Panchayat Teachers Compassionate Association

रायपुर में दिवंगत पंचायत शिक्षकों के परिजनों ने अनुकंपा नियुक्ति की मांग पर प्रदर्शन किया(Protest on the demand for compassionate appointment in Raipur) है.

Protest on the demand for compassionate appointment in Raipur
रायपुर में अनुकंपा नियुक्ति की मांग पर हल्लाबोल

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Published : Jul 25, 2022, 5:41 PM IST

रायपुर : आज फिर एक बार दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ के बैनर तले दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने अपनी 1 सूत्रीय मांग अनुकंपा नियुक्ति को लेकर रैली (Protest on the demand for compassionate appointment in Raipur)निकाली. आंदोलनकारी सड़क पर उतरकर विधानसभा का घेराव करने जा रहे थे, तभी पुलिस ने उन्हें स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रोक (Attempt to gherao the assembly in Raipur) दिया. जहां पर विधवा महिलाओं ने जमकर प्रदर्शन करने के साथ ही सरकार के विरोध में नारे भी लगाएं. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारी के बीच काफी देर तक झूमाझटकी और बहसबाजी भी देखने को मिली. दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों का कहना है कि रोजी मजदूरी करके अपना और अपना परिवार पालने को मजबूर हैं.

रायपुर में अनुकंपा नियुक्ति की मांग पर हल्लाबोल
क्या हो रही है परेशानी :दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने "रोते और बिलखते हुए अपना दर्द बयां किया और सरकार के खिलाफ नाराजगी और आक्रोश भी उनकी आंखों में देखने को (Demonstration of family members of Panchayat teachers in Raipur) मिला. बूढ़ातालाब धरना स्थल से निकलकर विधानसभा जा रहे थे जिसे पुलिस ने स्मार्ट सिटी ऑफिस के पास रोक दिया उनका कहना था कि ''इसके लिए सरकार के द्वारा कमेटी भी गठित की गई थी लेकिन कमेटी की ओर से आज तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है जिसके कारण उन्हें मजबूरन फिर से प्रदर्शन करना पड़ा." पहले भी कर चुके हैं प्रदर्शन : दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजन और विधवा का कहना (Chhattisgarh Late Panchayat Teachers Compassionate Association) है कि "अनुकंपा संघ अपनी 1 सूत्रीय मांग अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर राजधानी के बूढ़ातालाब में पहले 58 दिनों का उसके बाद 28 दिनों का प्रदर्शन भी कर चुके हैं. बावजूद इसके सरकार ने इनकी एक सूत्रीय मांग अनुकंपा नियुक्ति की मांग को पूरा नहीं की है. दिवंगत पंचायत शिक्षक संघ अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर कई बार मुख्यमंत्री और दूसरे मंत्रियों के द्वारा आश्वासन मिलने के बाद अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिए थे. लेकिन अब उनका परिवार अपना जीवनयापन मजदूरी करने के साथ ही दूसरों के सामने हाथ फैलाकर कर रहा है."

सरकार ने क्या बनाया मापदंड :सरकार ने दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड डीएड और टीईटी की परीक्षा देनी होगी. जिसके आधार पर ही उनको अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. सरकार द्वारा कठिन मापदंड तय किए गए हैं जिसके कारण उन्हें आज तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रित परिवारों के पास दो वक्त की रोजी रोटी के साथ ही परिवार पालने के लिए भी पैसे नहीं है. ऐसे में डीएड बीएड और टीईटी की परीक्षा कहां से देंगे.

संविलियन वाले शिक्षाकर्मियों के परिवार को नौकरी :प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है. लेकिन साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों का निधन हुआ है. उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. जिसके कारण इन आश्रित परिवारों को सड़क पर उतरकर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन करना पड़ रहा है.


प्रदेश में कितने हैं आश्रित : पूरे प्रदेश में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाएं और बच्चें हैं. जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीएड बीएड और टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल किया जाए. साथ ही सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी या फिर सहायक शिक्षकों के पद , प्रयोगशाला शिक्षक के पद, ग्राम पंचायत में सचिव के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति प्रदान की जाए. जिसे वे अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें.

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