रायपुर : भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ का कहना है कि ''चुनाव के पूर्व प्रदेश सरकार ने जो वायदे किए थे, उन वायदों को आज तक पूरा नहीं किया है. प्रदेश के किसान अगर सरकार बना सकते हैं, तो सरकार को बदल भी सकते हैं. ऐसे में भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ को उम्मीद है, कि बजट में सरकार उनकी मांगों पर गंभीरता से विचार करेगी.''
सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप : भारतीय किसान संघ के प्रदेश महामंत्री नवीन शेष का कहना है कि "15 सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार ने चुनाव पूर्व जो वायदे किए थे, उन वायदों को आज तक पूरा नहीं किया है, और किसानों के साथ सरकार ने वादाखिलाफी की है. जिसके विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. 2 साल का बोनस, धान खरीदने, सिंचाई परियोजनाओं को गांव-गांव और खेतों तक पहुंचाने का दावा किया था, लेकिन सरकार के वायदे अब तक पूरे नहीं हुये हैं.''
''1 मार्च को छत्तीसगढ़ का बजट पेश होने वाला है. ऐसे में सरकार ने जो वादे किए हैं, और किसानों की जो प्रमुख मांगे हैं, उनको पूरा करें. इसके बाद भी सरकार इनकी मांगों पर अमल नहीं करती है, तो गांव गांव में जाकर किसानों को जगायेंगे और किसानों को बताया जाएगा कि सरकार ने हमारे साथ वादाखिलाफी की है. किसान अगर सरकार बना सकता है, तो सरकार बदल भी सकता है."
सरकार खरीद रही है कम धान :भारतीय किसान संघ छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी ने बताया कि "सरकार को किसानों के हित में निर्णय लेना चाहिए. प्रदेश के कई गांव में चकबंदी योजना लागू नहीं की गई है. ऐसे में प्रदेश की किसान कहां कहां पर बोर और सुरक्षा व्यवस्था कर पाएंगे. जिस तरह से प्रदेश सरकार कर्मचारियों के लिए विकास का काम करती है, ठीक उसी तरह किसानों के विकास के बारे में सोचना चाहिए. छत्तीसगढ़ के अलावा कुछ दूसरे राज्यों में किसानों को बिजली कम दर पर मिलती है. पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में सरकार किसानों का 33 क्विंटल धान खरीदती है. लेकिन छत्तीसगढ़ में किसानों से महज 15 क्विंटल धान ही खरीदा जाता है."
क्या है किसानों की मांगें : पूर्व घोषित सिंचाई परियोजना और अधूरी पड़ी सिंचाई परियोजना को शीघ्र पूरा किया जाए. जैसे अरपा, भैसाझार, सुतियापाठ, बायातट नहर निर्माण, क्रांति जलाशय, कुम्हारी जलाशय आदि परियोजनाएं. छुईखदान विकासखंड के मादीप नाला, आमनार नाला, अमरपुर नाला में बांध निर्माण किया जाए. कोरबा जिले के बारपाली- तुमान क्षेत्र में उदवहन सिंचाई योजना से सिंचाई की व्यवस्था की जाए. धान खरीदी प्रति एकड़ 20 क्विंटल करें.
चुनावी घोषणा पत्र में घोषित पूर्व सरकार के 2 वर्ष का बोनस देने का वादा पूरा करें. सभी अस्थाई कृषि पंपों की लाइन स्थाई की जाए तेलंगाना राज्य के तर्ज पर छत्तीसगढ़ प्रदेश में बिजली नीति लागू की जाए. नए कनेक्शन 5hp पर 6000 रुपए और 30 रुपए मासिक सेवा शुल्क और अटल ज्योति में बिजली कटौती दिन के बजाय रात्रि 12:00 से सुबह 5:00 बजे तक की जाए.