रायपुर: पिछले 2 महीने से यात्री किराया बढ़ाने की मांग (rent hike demand) को लेकर छत्तीसगढ़ यातायात महासंघ (chhattisgarh traffic federation) सरकार से लगातार मांग कर रही है. लेकिन इसके बाद भी यात्री बसों में यात्री किराया नहीं बढ़ाए जाने को लेकर यातायात महासंघ ने सोमवार को प्रदेश के 29 जिलों में धरना प्रदर्शन किया. कोरोना और लॉकडाउन के कारण बस संचालकों की हालत काफी खराब हो चुकी है. पिछले 16 महीने से यात्री बसों का संचालन नहीं के बराबर हो रहा है. पूरे प्रदेश में करीब 12 हजार यात्री बसे हैं. जिनका संचालन पूरी तरह से शुरू नहीं हो पाया है. पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दामों के चलते बस संचालक सरकार से यात्री बसों में करीब 40% किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के बस मालिकों का कहना है कि डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हुई है (diesel price hike). जिसके लिए केंद्र और राज्य सरकार जिम्मेदार है. यात्री किराया में वृद्धि की मांग पूरी नहीं होने के कारण छत्तीसगढ़ में करीब 1 हजार बसों का ही संचालन हो रहा है. इस व्यवसाय से जुड़े बस मालिक, ड्राइवर, कंडक्टर, हेल्पर और क्लीनर सहित करीब 1 लाख 8 हजार लोगों की रोजी-रोटी प्रभावित हुई है. बस मालिकों का कहना है कि मध्यप्रदेश. ओडिशा, झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में करीब 30 से 35% तक यात्री किराया बढ़ाया जा चुका है. लेकिन छत्तीसगढ़ में लंबे समय से यात्री किराया नहीं बढ़ाया गया. ऐसे में छत्तीसगढ़ के सभी बसों का संचालन शुरू नहीं किया जा सकता.