रायपुर:बिजली विभाग में कार्यरत ठेका कर्मचारियों (Contract Employees Working In Electricity Department) ने विभाग की लापरवाही और ठेकेदारों के शोषण के खिलाफ एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने जा रहे सैकड़ों आंदोलनरत कर्मचारियों को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया. छत्तीसगढ़ विद्युत विभाग के ठेका कर्मचारी कल्याण संघ (Chhattisgarh Electricity Department Contract Employees Welfare Association) की मांग है कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में ठेका प्रथा बंद करने की बात कही थी. लेकिन अब तक इसे बंद नहीं किया गया है. इसके साथ ही ठेका कर्मचारियों को सीधे नौकरी में रखने का वादा भी किया गया था, जिसे पूरा नहीं किया गया है.
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वहीं फेडरेशन के लोगों ने बताया कि प्रदेश में बिजली विभाग का संपूर्ण कार्य ठेका कर्मचारियों के माध्यम से ही किया जा रहा है. बिजली विभाग की लापरवाही और ठेकेदारों के शोषण के शिकार हो रहे हैं. कार्य के दौरान कई ठेका कर्मचारियों की मौत भी हो गई और कई हादसे का शिकार हो गए. लेकिन फिर भी विभाग नहीं जागा.
उन्हें सिर्फ 7,000 से 8,000 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है. शोषण का आलम इस तरह है बिजली विभाग में कार्यरत 80 फीसदी ठेका कर्मचारियों को कलेक्टर दर से वेतन नहीं मिल रहा. इसके साथ ही 50 फीसदी ठेका कर्मचारियों को इपीएफ, ईएसआई का लाभ नहीं मिल रहा.