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जानिए कौन हैं फूलोदेवी और केटीएस तुलसी, जो उच्च सदन में करेंगे छत्तीसगढ़ की आवाज बुलंद - केटीएस तुलसी

छत्तीसगढ़ से फूलोदेवी नेताम और केटीएस तुलसी राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं.जानिए कौन हैं फूलोदेवी और केटीएस तुलसी.

profile of phulodevi netam and kts tulsi
फूलोदेवी नेताम और केटीएस तुलसी

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Published : Mar 18, 2020, 5:42 PM IST

Updated : Mar 18, 2020, 6:29 PM IST

रायपुर: उच्च सदन में फूलोदेवी नेताम और केटीएस तुलसी भी छत्तीसगढ़ का प्रतिनिधित्व करेंगे. छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के लिए कांग्रेस नेता फूलोदेवी नेताम और केटीएस तुलसी निर्विरोध निर्वाचित हुए हैं. कांग्रेस ने दोनों को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया था. केटीएस तुलसी जाने माने वकील हैं. जबकि फूलोदेवी नेताम छत्तीसगढ़ महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं.

ETV भारत से खास बातचीत के दौरान फूलोदेवी ने कहा था कि वे उच्च सदन में बस्तर की आवाज बनकर गूंजेंगी. नेताम ने बस्तर में शिक्षा और विकास के लिए काम करने की बात कही थी. फूलोदेवी ने कहा कि उनके साथ तीन महिला सांसद राज्यसभा में छत्तीसगढ़ की आवाज बुलंद करेंगी.

वर्तमान में महिला कांग्रेस की अध्यक्षा हैं फूलो देवी

फूलो देवी नेताम वर्तमान में प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्षा हैं. वे केशकाल के फरसगांव की रहने वाली हैं, फूलोदेवी नेताम केशकाल से विधायक रह चुकी हैं. बता दें कि 2009 में कांकेर से उन्होंने लोकसभा चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गई थीं.

प्रमुख आदिवासी चेहरा हैं फूलोदेवी नेताम

प्रदेश कांग्रेस में प्रमुख आदिवासी चेहरे के तौर पर फूलोदेवी नेताम को देखा जाता है . महिलाओं के बीच अच्छी पकड़ के साथ ही सक्रिय कार्यकर्ता के तौर पर फूलोदेवी संगठन के काम में लगातार सक्रिय रही हैं. यही वजह है कि पार्टी उन्हें राज्यसभा के लिए उम्मीदवार घोषित किया था.

  • 1995 में फरसगांव जनपद पंचायत अध्यक्ष बनीं.
  • 1998 में केशकाल विधानसभा क्षेत्र की विधायक.
  • 2015-16 से प्रदेश महिला कांग्रेस अध्यक्ष का पद संभाल रही हैं.

केटीएस तुलसी के बारे में जानिए

केटीएस तुलसी का जन्म 7 नवबंर 1947 को पंजाब के होशियारपुर में हुआ था. पंजाब विश्वविद्यालय से साल 1971 में इन्होंने वकालत की डिग्री हासिल की.

केटीएस तुलसी, रॉबर्ट वाड्रा केस में उनके वकील हैं. साथ ही वे भारत के पूर्व अतिरिक्त महाधिवक्ता भी रहे हैं. उन्हें पहली बार यूपीए सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत के राष्ट्रपति ने साल 2014 में राज्यसभा के लिए नामांकित किया था. इन्हें गांधी परिवार का करीबी माना जाता है. तुलसी गांधी परिवार से जुड़े ज्यादातर केसों की पैरवी करते हैं.

Last Updated : Mar 18, 2020, 6:29 PM IST

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