रायपुर: कोविड-19 के कारण पढ़ाई को भी काफी नुकसान हो रहा है. जिसे देखते हुए छत्तीसगढ़ में पढ़ई तुंहर दुआर योजना शुरू कर ऑनलाइन क्लास ली जा रही है. इस ऑनलाइन क्लास के माध्यम से बच्चों की हर दिन तीन से चार घंटे ऑनलाइन पढ़ाई कराई जा रही है. इस कारण महिला टीचर्स के मोबाइल नंबर बच्चों और परिजनों के पास चले गए हैं. ईटीवी भारत ने जानने की कोशिश की है कि कही ये महिला टीचर्स फ्रॉड कॉल या रेंडम कॉल जैसी दिक्कतों का तो सामना तो नहीं कर रही हैं. ETV भारत ने महिला शिक्षकों से इस विषय पर बात की.
महिला शिक्षकों ने बताया कि लगभग अप्रैल से पढ़ई तुंहर दुआर के तहत वे ऑनलाइन क्लासेस ले रही हैं. दो से तीन घंटे दिन में वह अलग-अलग क्लास के बच्चों की ऑनलाइन क्लास लेती हैं. साथ ही किसी भी बच्चे को डाउट होने पर बच्चा या उनके अभिवावक कभी भी उन्हें फोन कर डाउट क्लियर कर सकते हैं. इस वजह से उन्हें हमेशा फोन अपने आसपास ही रखना पड़ता है. महिला शिक्षकों का कहना है कि अभी तक इस वजह से उन्हें कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा है.
शिक्षा ऐसी चीज है जो कभी रुकनी नहीं चाहिए, इस वजह से महिला शिक्षक भी बच्चों का पूरी तरह सहयोग कर रही हैं. वहीं पैरेंट भी किसी भी तरह के बच्चों को डाउट होने पर महिला शिक्षक को फोन लगाकर उनसे बात कर ले रहे हैं. इससे महिला शिक्षकों को कोई परेशानी नहीं है.
पढ़ें-SPECIAL: बीजापुर के वनांचलों में नहीं हो रही बच्चों की पढ़ाई, कहीं मोबाइल नहीं, तो कहीं नेटवर्क!
टीचर्स ने बताया कि पढ़ई तुंहर दुआर की वजह से उनका नंबर छात्र-छात्राओं के साथ ही उनके परिवारवालों के पास है, लेकिन अभी तक उन्हें किसी भी तरह के कोई रेंडम कॉल या गलत नाम से फोन कर परेशान नहीं किया गया है. महिला शिक्षकों ने यह भी बताया कि अगर भविष्य में ऐसे कोई कॉल या मैसेज होते हैं, तो उन्हें कहा गया है कि वह अपने सीनियर अधिकारी या जिला शिक्षा अधिकारी से डायरेक्ट बात कर सकते हैं.