रायपुर: देशभर में नेशनल हाईवे (NH) पर बने टोल प्लाजा पर वाहनों को जल्द गुजारने के लिए फास्टैग की सुविधा की शुरुआत की गई थी, ताकि समय और ईंधन दोनों की बचत हो सके. इस उद्देश्य से केंद्रीय सड़क परिवहन विभाग ने देश के हर टोल प्लाजा में फास्टैग की सुविधा अनिवार्य कर दिया था. इस व्यवस्था के तहत टोल प्लाजा से गुजरने पर वाहन से टोल टैक्स ऑटोमैटिक कट जाता है, लेकिन राजधानी में खारून नदी पर बने टोल प्लाजा में यह सुविधा तो है, लेकिन कुछ खामियों के चलते पहले से भी ज्यादा समय लगता है.
फास्टैग से बर्बाद हो रहा समय और इंधन क्या है फास्टैग
- फास्टैग को इलेक्ट्रॉनिक टोल कनेक्शन सिस्टम भी कहा जाता है.
- भारत में इसकी शुरुआत सबसे पहले साल 2014 में हुई थी.
- यह एक तरह का रेडियो फ्रिकवेंसी आईडेंटिफिकेशन टैग है.
- सरकार का दावा है कि इसके जरिए टैक्स का भुगतान करते समय जिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उससे जल्द निजात मिलेगी.
- नेशनल हाइवे पर बने टोल प्लाजा लेन पर आप टोल प्लाजा में बिना रुके ही टोल टैक्स दे सकते हैं.
- इस टैग को वाहन के विंड स्क्रीन पर लगाया जाता है, यह टैग सभी टोल प्लाजा ज्यादातर बैंक और नेशनल हाईवे पर स्थित पुलिस स्टेशन पर भी उपलब्ध है.
- इसके लिए वाहन मालिक को एक फार्म के साथ कुछ डॉक्यूमेंट्स देना होता है.
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छत्तीसगढ़ में क्या समस्या दिख रही है
टोल प्लाजा में खड़ी गाड़ियां जहां देशभर में 1 दिसंबर 2019 से फास्टैग की व्यवस्था को लागू कर दिया गया था, वहीं कुछ तकनीकी समस्याओं को दूर करते हुए छत्तीसगढ़ में 15 जनवरी 2020 से इसे अनिवार्य कर दिया गया था. इसे लागू करने के बाद जो मुख्य समस्या देखने को मिल रही है, वह इस तरह से है. टेक्निकल इश्यू से अक्सर फास्टैग से टोल राशि नहीं कट पाती, जिसके कारण कई बार ड्राइवर को वाहन बार-बार रिवर्स करना पड़ता है. जिससे पीछे खड़ी गाड़ियों को परेशानी होती है. कार ड्राइवर ने बताया कि फास्टैग की सुविधा तो अच्छी है, लेकिन इसमें वक्त लग जाता है, इतना वक्त तो मेट्रो सिटी में भी नहीं लगता. वहीं ट्रक ड्राइवर का कहना है कि कभी-कभी गलत टोल राशि भी कट जाती है, जिससे परेशानी होती है. फास्टैगको लेकर आया नया नियम
जिला परिवहन अधिकारी ने बताया कि फास्टैग को लेकर नए नियम भी जारी किए गए हैं. जिसके तहत अगर कोई नई गाड़ी में फास्टैग नहीं लगाया गया है तो उसे परिवहन विभाग से पंजीयन नहीं किया जा सकेगा. यह केंद्र शासन का निर्देश है और अब छत्तीसगढ़ में भी यह व्यवस्था लागू हो चुकी है. जिला परिवहन अधिकारी शैलाभ कुमार साहू ने कहा फास्टैग लगाने से फायदा तो है, क्योंकि अभी किसी भी टोल से अगर गुजरेंगे तो सिर्फ एक लेन कैश के लिए है, बाकी सभी लेन फास्टैग के लिए अलॉट है. फास्टैग लगाया जाता है तो हम उस लेन से जल्दी निकल सकते हैं और कैशलेस ट्रांजैक्शन भी हो सकता है. NHAI के अधिकारी कैमरे के सामने कुछ भी कहने से इंकार कर दिया. लेकिन ऑफ द रिकॉर्ड उनका भी मानना है कि नई व्यवस्था की शुरुआत में तकनीकी खामियां हो सकती हैं. जिन्हें आने वाले समय में दूर कर लिया जाएगा.
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राजनांदगांव में फास्टैग को लेकर हो चुका है बवाल
प्रदेश में टोल प्लाजा की शुरूआत होते ही 16 जनवरी 2020 को राजनांदगांव के पास ठाकुरटोला स्थित टोल प्लाजा पर स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा किया था. इस विरोध प्रदर्शन में शहर के कुछ जनप्रतिनिधि भी शामिल थे. दरअसल लोगों का कहना है कि शहर से 11 किलोमीटर की दूरी पर ठाकुरटोला टोल प्लाजा के निर्माण के वक्त कहा गया था कि राजनांदगांव पासिंग यानी सीजी 08 वाले वाहनों से टोल नहीं लिया जाएगा, लेकिन फास्टैग लगने के बाद सभी वाहनों से टोल वसूला जा रहा है. स्थानीय लोगों ने बताया कि शहर के लोगों को कई बार काम से रायपुर और भिलाई जाना पड़ता है, लेकिन टोल टैक्स के कारण नहीं जा पाते. ऐसे में इस टोल प्लाजा को कहीं और शिफ्ट करने की मांग भी की जा रही है.
कब सुधरेगा फास्टैग का सिस्टम
फिलहाल देश में कोरोना संकट की मार है इसलिए भी हाईवे पर उस तरह का दबाव नहीं है जो सामान्य काल में होता है. ऐसे में वाहनों का दबाव बढ़ने के बाद इस व्यवस्था का सही आंकलन हो पाएगा.