लखनऊः यूपी की सियासत में अपनी खोई जमीन तालाश रही कांग्रेस पार्टी की कमान अप्रत्यक्ष रूप से पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी संभाल रही हैं. रह-रह कर योगी सरकार को असहज कर देने वाली प्रियंका की यूपी में मौजूदगी कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार जरूर कर रही है, लेकिन धरातल से ज्यादा ट्विटर या फिर सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म पर सक्रिय रहने का खामियाजा कांग्रेस को भुगतना भी पड़ रहा है. वहीं बिना फैक्ट चेक किए प्रियंका गांधी का ट्वीट न सिर्फ कांग्रेस की फजीहत करा रही है, बल्कि पार्टी की भी जगहंसाई हो रही है.
हालात यह है कि उत्तर प्रदेश समेत देशभर में पार्टी की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है, बावजूद इसके अभी भी कांग्रेस के नेता कोई सबक नहीं ले रहे हैं. बिना जांच-पड़ताल के ही ट्वीट कर अपनी फजीहत करा रहे हैं. कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव व यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ट्विटर पर काफी सक्रिय रहकर सरकार को घेरने का काम भी बखूबी अंजाम देती हैं, लेकिन इसी ट्विटर की ही वजह से प्रियंका की कई बार फजीहत भी हो चुकी है. अभी हाल में ही एक युवा किसान को लेकर प्रियंका का ट्वीट उनको ही उल्टा पड़ गया. किसान ने न सिर्फ ट्वीट को लेकर आपत्ति दर्ज कराई, बल्कि उनको नसीहत भी दे डाली. इससे पहले भी एक फोटो शेयर करने पर प्रियंका को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल का सामना करना पड़ा था.
प्रियंका ने किया था ये ट्वीट
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने बुधवार को एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि "लखीमपुर खीरी के किसान आलोक मिश्रा का ₹600000 का गन्ना भुगतान बकाया है. उनको खेती, इलाज के लिए तीन लाख का लोन लेना पड़ा. 10000 करोड़ का भुगतान फंसा होने के चलते यूपी के लाखों किसानों का यही हाल है. 14 दिन में भुगतान एवं आय दोगुनी का वादा जुमला निकला."
प्रियंका गांधी ने दावा किया था कि यह जवान छुट्टी मिलते ही सीधे दिल्ली के बॉर्डर पर पहुंचे हैं, जहां किसानों का प्रदर्शन चल रहा है. प्रियंका गांधी वाड्रा ने इस तरह से अपने ट्वीट को प्रस्तुत किया कि लोगों ने इस पर आसानी से यकीन भी कर लिया था, लेकिन जब असल बात सामने आई तो का कि यह तस्वीर दिल्ली बॉर्डर की न होकर पंजाब के लुधियाना की थी. प्रियंका को समझ आ गया और उन्होंने 10 मिनट के अंदर फोटो डिलीट कर दी, लेकिन इतने में ही उनकी ये चोरी पकड़ में आ गई और ट्रोलर्स ने उन्हें खूब ट्रोल किया.
...जब डीएम ने ट्वीट पर प्रियंका को दिया था नोटिस
कोरोना का संक्रमण जब कहर बरपा रहा था तो ऐसे में सरकार को घेरने के लिए प्रियंका ने अपने ट्विटर का इस्तेमाल किया था, लेकिन यहां पर उन्हें यह अस्त्र इस्तेमाल करना भारी पड़ गया था. दरअसल, प्रियंका ने आगरा मॉडल पर सवाल उठाते हुए लिखा था कि 48 घंटे में 28 लोगों की मौत हुई है. उनके इस ट्वीट से अफरा-तफरी मच गई थी, जिसके बाद आगरा के जिलाधिकारी प्रभु नारायण सिंह ने इसका खंडन किया था. बाकायदा नोटिस जारी कर 24 घण्टे में जवाब तलब किया था. डीएम ने साफ तौर पर कहा था कि कांग्रेस महासचिव ने बिना जानकारी किए ही ट्वीट कर दिया.
प्रियंका के ट्वीट से किसानों को गुमराह कर रही भाजपा
भारतीय जनता पार्टी अब ज्यादा नीचे गिर चुकी है. क्या सच्चाई नहीं है कि गन्ना किसानों का उत्तर प्रदेश में 10000 करोड से ज्यादा का बकाया है? सरकार ने संसद के अंदर कहा है कि सबसे ज्यादा अगर गन्ना किसानों का बकाया है तो उत्तर प्रदेश में आदित्यनाथ सरकार में बकाया है. प्रियंका गांधी ने अगर ट्वीट किया तो उस ट्वीट के पीछे दौड़ पड़े, लेकिन कम से कम उन गन्ना किसानों का भुगतान कर देते तो भारतीय जनता पार्टी को इस तरह प्रियंका गांधी के ट्वीट के पीछे भागने की जरूरत नहीं पड़ती.
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सच्चाई यह है कि वह सिर्फ और सिर्फ उद्योगपतियों के लिए काम कर रही है. आज तीन सालों से गन्ने का दाम न बढ़ाना, यह दिखाता है कि सरकार बच रही है. प्रियंका गांधी के ट्वीट के पीछे खड़ी होकर गन्ना किसानों को गुमराह करने का प्रयास कर रही है. उत्तर प्रदेश के किसानों को गुमराह कर रही है. आज भी पीड़ित परेशान है. सरकार उस पर ध्यान देने के बजाय सिर्फ प्रियंका गांधी के ट्वीट के पीछे जाकर खड़ी हो गई है.