रायपुर: गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में मुफ्त शिक्षा मिल सके, इसके लिए देशभर में राइट टू एजुकेशन अधिनियम 2010 में लागू किया गया था. छत्तीसगढ़ में राइट टू एजुकेशन के तहत प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए 30,000 सीटों की संख्या घट गई है. छत्तीसगढ़ में पिछले साल प्राइवेट स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए 80,000 से अधिक सीटें रिजर्व थी. लेकिन इस साल RTE में प्रवेश के लिए 52,056 सीटें ही पोर्टल पर दिखाई दे रही है.
आवेदन प्रक्रिया शुरू:आरटीई के तहत 30 हजार सीटों के घटने पर अब कई सवाल खड़े हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ में आरटीआई के तहत 2023 -24 के लिए आवेदन की प्रक्रिया 6 मार्च से शुरू हो गई है. 18 मार्च तक आईटीआई में प्रवेश के लिए 46,875 आवेदन भरे गए हैं.
25 फीसद सीटों पर गरीब बच्चों को आरटीई के तहत एडमिशन देना है प्रवेश: राइट टू एजुकेशन के तहत प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए 25 फीसद सीटें गरीब बच्चों के लिए आरक्षित रखनी है. शिक्षा विभाग के आरटीई पोर्टल पर सीट घटने पर कई तरह सवाल खड़े हो रहे हैं. छत्तीसगढ़ पालक एसोसिएशन ने भी सीटें घटने का विरोध किया है.
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पालक संघ ने खड़े किए सवाल: छत्तीसगढ़ पालक संघ के जिलाध्यक्ष धीरज दुबे ने कहा "शिक्षा विभाग के आरटीई पोर्टल पर सीटें कम दिखाई दे रही है. बीते वर्ष 6498 सीटें दिखाई दे रही थी. इस साल भी उतनी ही स्कूलें हैं, लेकिन सीट में आखिर अंतर क्यों आ रहा है. राइट टू एजुकेशन के तहत पढ़ने वाले बच्चों की पढ़ाई का खर्च राज्य और केंद्र सरकार वहन करती है. ऐसे में सीटों की संख्या कम होने के कारण प्रदेश के 30 हजार गरीब बच्चों की पढ़ाई का सपना पूरा नहीं हो पाएगा. शिक्षा विभाग को इस पर जल्द से जल्द ध्यान देना चाहिए."
इस मुद्दे पर शिक्षा विभाग ने क्या कहा :छत्तीसगढ़ लोक शिक्षण संचालक सुनील जैन ने बताया कि " आरटीई की सीटें घटाई नहीं गई है. आरटीई पोर्टल में कई स्कूलों ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है, जिसके कारण सीटें कम दिख रही हैं. आरटीई पोर्टल में स्कूलों के रजिस्ट्रेशन के लिए फिर से पोर्टल खोला गया है. इसके साथ ही प्राइवेट स्कूलों को निर्देशित किया गया है कि वह अनिवार्य रूप से आरटीई पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाएं."
क्या कहना है प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन का: छत्तीसगढ़ प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा "आरटीई की सीटों की वास्तविक स्थिति देखें तो सीटें कम नहीं हुई है. 2,000 से अधिक स्कूलों ने पोर्टल में जानकरी नहीं भरी है. इसलिए आंकड़ा कम दिखा रहा है. जब दो हजार प्राइवेट स्कूल अपनी वास्तविक संख्या पोर्टल में भरेंगे, तब पता चलेगा कि पहले 81,000 सीटें थी और अब नए आकड़ों के अनुसार सीटें कितनी होंगी. पुराने नियम के अनुसार स्कूल अपनी सीटों की संख्या खुद बताते थे. उस हिसाब से एडमिशन होता था. स्कूल शिक्षा विभाग ने नियम बदल दिया. साल 2022-23 में स्कूल में जो सामान्य एडमिशन हुआ है, उसे आधार बना कर 2023-24 सत्र के आंकड़ें भरे जा रहे हैं."
10 अप्रैल आवेदन की अंतिम तिथि:लोक शिक्षण संचनालय द्वारा जारी किए गए टाइमटेबल के अनुसार राइट टू एजुकेशन के लिए ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तारीख 10 अप्रैल तय की गई है. 11 अप्रैल से 11 मई तक आवेदन पत्रों और दस्तावेजों की जांच की जाएगी. 15 मई से 25 मई के बीच लॉटरी और स्कूलों का आवंटन किया जाना है.