रायपुर: राज्य की कांग्रेस सरकार ने सीएम भूपेश बघेल (CM bhupesh baghel) के नेतृत्व में चार सालों में प्रदेश के गरीब किसान मजदूर सहित आगजनों के आर्थिक उत्थान हेतु अनेक महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं. Pride Day of Chhattisgarh राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गौ धन न्याय योजना, नरवा गरवा घुरुवा बाड़ी, किसानों का कर्ज माफ, बिजली बिल हॉफ और वन अधिकार पट्टा जैसी योजनाएं शामिल है.
गोधन न्याय योजना का बड़ा सहारा :राज्य में गोधन न्याय योजना (Godhan nyay yojna) के अंतर्गत ग्रामीण पशुपालक किसानों से गोबर क्रय करने में छत्तीसगढ़ सरकार के साथ-साथ अब स्वावलंबी गौठान भी बराबर की भागीदारी निभाने लगे हैं. राज्य में औसत रूप से प्रत्येक पखवाड़े 4 से 5 करोड़ रूपए की गोबर खरीदी गौठानों में हो रही है, जिसमें से दो से ढ़ाई करोड़ रूपए का गोबर स्वावलंबी गौठान स्वयं की राशि से कर रही है. बीते कुछ पखवाड़े से यह स्थिति बन गई है कि गोधन न्याय योजना के तहत हो रही गोबर खरीदी की राशि का लगभग 50 प्रतिशत से भी कम का भुगतान ही सरकार के जिम्मे आ रहा है. राज्य में 4010 गौठान पूरी तरह से स्वावलंबी बन गए हैं.इन गौठान समितियों के पास 103 करोड़ रूपए की पूंजी जमा है।. गौठान समितियों ने अब तक 26.73 करोड़ रूपए का गोबर स्वयं की राशि से क्रय किया है. (State honor increased in four years)
गौठानों का निर्माण :पशुधन सहेजने 08 हजार से भी अधिक गौठान बनाए गए. इन स्थलों को राज्य सरकार ने न केवल पशुपालन की आधुनिक विधियों से जोड़ा, बल्कि वहां कृषि तथा पशुपालन से संबंधित आजीविका मूलक गतिविधियां भी शुरू की. रोजगार का नया साधन गांव में ही मिल जाने से इससे बड़ी संख्या में ग्रामीण महिलाएं जुड़ी. राज्य की 11 हजार 187 स्व सहायता समूहों की 83 हजार 874 महिलाओं को इससे रोजगार मिला है तथा उनकी आय के नये स्रोत विकसित हुए हैं.
महिलाओं का बढ़ाया मान :छत्तीसगढ़ सरकार ने इस ओर कदम बढ़ाते हुए सुराजी गांव योजना (suraji gaon yojna) के तहत गौठानों में महिलाओं के स्वावलंबन की नई राहें तैयार की. वहीं वनांचल आदिवासी क्षेत्रों में वनोपज संग्रहण और उसके प्रसंस्करण से महिलाओं को जोड़ा है. इसका परिणाम है कि गौठानों में राज्य के 11,187 स्व-सहायता समूहों की 83,874 महिलाओं को रोजगार मिला है. लघु वनोपज के संग्रहण से लगभग 4 लाख 50 हजार महिला समूह जुड़ी हैं. इससे आदिवासी और ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक आजादी के साथ समाज में एक नई पहचान भी मिली है.आज गोबर और गौमूत्र की खरीदी कर जैविक खाद तथा कीटनाशकों के निर्माण से लेकर बिजली उत्पादन, प्राकृतिक पेंट, गुलाल, पूजन सामग्री आदि का निर्माण महिलाएं कर रही हैं. गौठानों को ग्रामीण औद्योगिक पार्कों के रूप में विकसित करते हुए वहां दाल मिल, तेल मिल, आटा मिल, मिनी राइस मिल जैसी प्रसंस्करण इकाइयां भी स्थापित की जा रही हैं.
सौर सुजला योजना ने खेती में लाई तेजी :भूपेश बघेल द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के प्रयासों के तहत किसानों की आमदनी बढ़ाने के उद्देश्य से सोलर सिंचाई पम्प लगाने के काम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है. इस दिशा में तेजी से काम हुआ और हाल ही में देश में सर्वाधिक सोलर पम्प स्थापित करने और ऊर्जा संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है. छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा सोलर एनर्जी से कृषि के क्षेत्र में बड़े बदलाव लाने के प्रयासों के साथ क्रेड़ा द्वारा सोलर विद्युत केन्द्र, सोलर लाइट, वनांचलों के गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने में भी सोलर पम्पों का उपयोग किया जा रहा है, जल जीवन मिशन सहित राज्य शासन की योजना के तहत प्रदेश में 10 हजार 629 सोलर पम्प स्थापित कर 4 लाख 80 हजार से अधिक परिवारों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.
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गौरव दिवस में हर जिले में कार्यक्रम :17 दिसम्बर को सभी जिला एवं ब्लाक मुख्यालय सहित ग्रामपंचायत नगरीय निकाय क्षेत्रों में वार्ड स्तर पर कार्यक्रम का आयोजन होगा.जिसमें स्थानीय प्रदेश पदाधिकारियों प्रतिनिधियों, सांसद पूर्व सांसद प्रत्याशी, विधायक पूर्व प्रत्याशीपूर्व विधायकों, जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों समन्वय समिति के सदस्यों, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पदाधिकारियों मोर्चा संगठन प्रकोष्ठ विभाग के जिला ब्लाक पदाधिकारियों, सोशल मीडिया के प्रशिक्षिति सदस्यों, नगरीय निकाय त्रि-स्तरीय पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों, सहकारिता क्षेत्र के पदाधिकारियों, वरिष्ठ कांग्रेसजन शामिल होंगे.Pride Day of Chhattisgarh