President Murmu Express Happiness: सत्य सदियों से कहावतों के जरिए किया जाता है प्रकट, उनमें ‘छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया’ भी है एक कहावत : द्रौपदी मुर्मु
President Murmu Express Happiness राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु दो दिन के छ्त्तीसगढ़ दौरे पर हैं. पहले दिन रायपुर में प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के कार्यक्रम में राष्ट्रपति मुर्मु शामिल हुईं. छत्तीसगढ़ आने की इच्छा और फिर आज उसके पूरे होने की खुशी को बयान करते हुए समाज में प्रचलित कहावतों का भी जिक्र किया.
राष्ट्रपति मुर्मु ने छत्तीसगढ़ आने की अपनी इच्छा पूरी होने पर खुशी जताई
रायपुर: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने गुरुवार को प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के वार्षिक परियोजना सकारात्मक परिवर्तन वर्ष (Year of Positive Change) का शुभारंभ किया. राष्ट्रपति मुर्मु ने छत्तीसगढ़ आने की अपनी इच्छा पूरी होने पर खुशी जताई. राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि, "आज मैं बहुत खुश हूं कि मुझे छत्तीसगढ़ की धरती पर आकर आप सबसे मिलने का अवसर मिला. राष्ट्रपति के रूप में छत्तीसगढ़ आकर अपने देशवासियों से मिलने की मेरी इच्छा आज पूरी हुई है. एक कहावत है ‘छत्तीसगढ़िया सब ले बढ़िया’ और ऐसी कहावतों के माध्यम से सदियों से चले आ रहे सत्य को मात्र शब्दों में कह दिया जाता है."
छत्तसीगढ़ में ब्रह्माकुमारी संस्था के कार्यक्रम को लेकर कही ये बात:राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कहा कि, "पूरी मानवता के कल्याण के उद्देश्य से ब्रह्माकुमारी संस्था की ओर से अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. मनुष्य की सोच और व्यक्तित्व में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए शुरू किए गए ऐसे कार्यक्रमों के लिए मैं ब्रह्माकुमारी परिवार की सराहना करती हूं. पिछले महीने 27 जुलाई को मैंने ओडिशा में भी 'सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष' (The Year of Positive Change) थीम से जुड़े कार्यक्रम में भाग लिया था. आज छत्तीसगढ़ में भी इस प्रयास की शुरुआत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है." कार्यक्रम में राष्ट्रपति के साथ राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी मौजूद रहे.
तूफान में वही पेड़ सुरक्षित रहता है, जो झुकना जानता है-राज्यपाल:'सकारात्मक परिवर्तन का वर्ष' को लेकर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने कहा कि, "सकारात्मक सोच से दुनिया की किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है. जब कोई समाज सकारात्मक बदलाव को अपनाता है तब वह और अधिक मजबूत हो जाता है. हम सभी जानते हैं कि परिवर्तन प्रकृति का नियम है. जो रूढ़िवादी और परंपरावादी समाज अपनी मान्यताओं और परंपराओं को बदलना नहीं चाहता, वह मुख्यधारा से कट जाता है. समय और जरूरत के हिसाब से समाज में परिवर्तन आवश्यक हो जाता है. जब तूफान चलता है तो वही पेड़ सुरक्षित रहता है जो झुकना जानता है. इसलिए हमें परिस्थितियों के अनुसार ढलना चाहिए.
'ऐसा लगा जैसे कोई अपना अपने ही घर आया':सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, "राष्ट्रपति जी का आगमन छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए बहुत गौरव का क्षण है. उनकी इस यात्रा के लिए मैं छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ नागरिकों की ओर से आपको बहुत धन्यवाद देता हूं. आज राष्ट्रपति, पूरे देश की मुखिया के आगमन से हम छत्तीसगढ़ के लोग विशेष आत्मीयता का अनुभव कर रहे हैं. ऐसा लग रहा है जैसे कोई अपना अपने ही घर आया है. यह प्रदेश एक आदिवासी प्रदेश है, अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लोग भी बहुत बड़ी संख्या में यहां निवास करते हैं. यह प्रदेश किसानों का प्रदेश है, यह वंचितों का प्रदेश है. सभी वंचितों को न्याय मिले, यह संविधान की भावना है. आप संविधान की रक्षक हैं, आपके आगमन से छत्तीसगढ़ के लोग बहुत सुरक्षित महसूस कर रहे हैं."
अपने दो दिवसीय दौरे के दूसरे दिन यानी 1 सितंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु बिलासपुर जाएंगी. गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल होने के साथ ही राष्ट्रपति मुर्मु रतनपुर स्थित महामाया मंदिर में दर्शन करेंगी.