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Punni Mela: रायपुर में पुन्नी मेले की तैयारी पूरी, कोरोना के बाद पहली बार हो रहा आयोजन - मीना बाजार

रायपुर में कोरोना काल (corona period) के बाद पहली बार पुन्नी मेला (Punni Mela) का आयोजन हो रहा है. इसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. इस बार पुन्नी मेले में मीना बाजार (Meena Bazaar) भी लगाया जाएगा. जिसको लेकर लोगों में काफी खुशी है

पुन्नी मेले की तैयारी पूरी
पुन्नी मेले की तैयारी पूरी

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Published : Nov 16, 2021, 9:55 PM IST

Updated : Nov 17, 2021, 9:06 PM IST

रायपुर:राजधानी के खारुन नदी के तट पर स्थित रायपुर महादेव घाट में छत्तीसगढ़ का पारंपरिक पुन्नी मेला (Punni Mela) का आयोजन 19 नवंबर से शुरू हो रहा है. यह तीन दिनों तक चलेगा. लोक आस्था के इस महापर्व की तैयारियां भी शुरू हो गई है.कोरोना (corona) के कारण 2 सालों तक मेला स्थल पर मीना बाजार (Meena Bazaar), सर्कस, मौत का कुंआ, जादूगर का शो नहीं हो पाया था. इस बार इस मेले में बाहरी दुकानदार के साथ ही मीना बाजार भी सज रहा है. जहां पर कई तरह के झूलों का आनंद श्रद्धालु और पर्यटक उठा सकेंगे. महादेव घाट (Mahadev Ghat) पर स्थाई रूप से कई तरह की दुकानें पिछले कई सालों से लगाई जा रही है. जिसमें मनिहारी बच्चों के खिलौने ज्वेलरी भगवान की मूर्तियां और फैंसी सामान की दुकान के साथ ही बाहरी दुकानदार भी इस मेले में शिरकत करेंगे जो इस इस मेले की रौनक और बढ़ाएंगे.

पुन्नी मेले की तैयारी पूरी

सन 1428 से हो रहा कार्तिक पूर्णिमा मेले का आयोजन

कार्तिक पूर्णिमा मेले (kartik purnima mela) का आयोजन सन 1428 से हो रहा है. जहां पर आसपास के सैकड़ों गांव के हज़ारों लोग मेला घूमने और पुन्नी स्नान (Punni snan) करने के साथ ही महादेव घाट (Mahadev Ghat) पर हटकेश्वर नाथ मंदिर (Hatkeshwar Nath Temple) का दर्शन करते हैं. इस बार श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ने के आसार हैं. पिछले 2 सालों तक कोरोना संक्रमण की वजह से पुन्नी मेले का आयोजन फीका पड़ गया था. लेकिन इस बार इस मेले में रौनक देखने को मिलेगी. महादेव घाट पर पिछले कई सालों से स्थाई तौर पर कई दुकानों का संचालन हो रहा है कोरोना और लॉकडाउन के कारण दुकानदारों की आर्थिक स्थिति भी खराब हो चुकी थी. लेकिन इस बार मेला स्थल पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों को काफी उम्मीदें हैं

मीना बाजार लगाने की मिली है अनुमति

महादेव घाट में स्थाई तौर पर लगभग 50 दुकानें लगती हैं. यहां के दुकानदारों का कहना है कि कोरोना के कारण उनका धंधा पहले से ही चौपट हो गया है. लेकिन इस बार के पुन्नी मेले में इनका धंधा अच्छा होगा. क्योंकि बाहरी दुकानदारों के साथ ही मीना बाजार के आयोजन की अनुमति प्रशासन द्वारा दे दी गई है. जिससे स्थानीय और बाहरी दुकानदारों के साथ ही मीना बाजार का संचालन करने वालों को अच्छे व्यापार की उम्मीद नजर आ रही है. यहां आने वाले भक्तों और पर्यटकों को भी पुन्नी मेले का बेसब्री से इंतजार रहता है.

कोरोना संक्रमण घटने के कारण लोगों में खुशी

इस साल कोरोना का संक्रमण कम होने से इस मेले में रौनक और भक्तों में उत्साह भी देखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि कार्तिक मास में माता गौरी ने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए कार्तिक में 1 महीने का स्नान किया था. जिसके कारण भी कार्तिक महीने का महत्व है. कोरोना संक्रमण को देखते हुए पिछले साल की तरह इस बार भी हटकेश्वर नाथ मंदिर में श्रद्धालु और भक्तों को कोविड-19 के गाइडलाइन का पालन भी करना होगा. भक्त आसानी से भगवान हटकेश्वर नाथ का दर्शन कर सकेंगे.

हटकेश्वर नाथ महादेव मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि 600 साल पहले राजा ब्रह्मदेव ने हटकेश्वर नाथ महादेव से संतान प्राप्ति की मन्नत मांगी थी. मन्नत पूरी होने पर 1428 में खारून नदी के किनारे कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजा ने अपनी प्रजा को भोज के लिए आमंत्रित किया. हवन पूजन यज्ञ के बाद ग्रामीणों ने खेल तमाशे का आनंद लेते हुए भोजन ग्रहण किया था. इसके पश्चात हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन राजा ग्रामीणों को आमंत्रित करते थे. कालांतर में यह परंपरा मेले के रूप में परिवर्तित हो गई जिसे पुन्नी मेला के नाम से जाना जाता है.

Last Updated : Nov 17, 2021, 9:06 PM IST

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