रायपुर:7 अक्टूबर से 14 अक्टूबर (7 October to 14 October) तक नवरात्र का पर्व (Festival of Navratri) मनाया जाएगा. नवरात्र को लेकर राजधानी के मंदिरों (Temple) में भी तैयारियां शुरू कर दी गई है. राजधानी के देवी मंदिरों में रंग-रोगन सहित तमाम तैयारियां एक महीना पहले शुरू कर दी गई थी जो अब अंतिम चरण में पहुंच गई है. 3 दिन के बाद नवरात्रि पर्व की शुरुआत हो जाएगी. मंदिरों की साफ-सफाई, रंग रोगन, कलश स्थापना जैसी तैयारियां देवी मंदिरों में पूरी कर ली गई है.
माता की पूजा के लिए रायपुर में तैयारियां तेज राजधानी के अलग-अलग इलाकों में स्थित देवी मंदिरों में नवरात्रि की तैयारियां लगभग 1 महीने पहले शुरू की जाती है और पर्व के तीन-चार दिन बचे रहने पर तैयारियां पूरी हो जाती है. शारदीय नवरात्र में राजधानी के देवी मंदिर में ज्योति कलश की स्थापना की बात करें तो कई देवी मंदिरों में शारदीय और चैत्र नवरात्र में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित हुए थे, लेकिन राजधानी के सिद्धपीठ महामाया मंदिर में चैत्र नवरात्रि के समय ज्योति कलश के लिए रसीद काटी गई थी. लेकिन कोरोना की वजह से ज्योति कलश प्रज्वलित नहीं हो पाई थी. जिसे इस बार शारदीय नवरात्र में प्रज्वलित किया जा रहा है. जिसकी संख्या 4,500 है. राजधानी के काली मंदिर सिद्ध पीठ महामाया मंदिर सहित दूसरे देवी मंदिरों में रंग रोगन, डेंटिंग पेंटिंग और साफ सफाई सहित तमाम दूसरी तैयारियां पूरी कर ली गई है. इस दौरान मंदिरों में भक्तों का आना भी शुरू हो जाएगा. लेकिन प्रशासन के द्वारा नवरात्र को लेकर जारी किए गए गाइडलाइन के तहत भक्तों को ज्योति कलश के दर्शन प्राप्त होंगे. किसी को भी ज्योति कलश स्थापना कक्ष में अंदर जाने की अनुमति नहीं है. पिछले साल में प्रशासन के द्वारा नवरात्र को लेकर इसी तरह की गाइडलाइन जारी हुई थी. जिसमें भक्तों को ज्योति कलश के दर्शन दूर से करने थे.