रायपुर:शारदीयनवरात्रि की दिन जैसे-जैसे नजदीक आ रही है. वैसे-वैसे तैयारियां तेजी से की जा रही है. चैत्रनवरात्रि में महज 6 ही दिन बचे हैं. शहर के मंदिरों में सजावट रंग-रोगन शुरू हो गया है. जिला प्रशासन ने गाइडलाइन जारी कर ज्योति जलाने के निर्देश दिए हैं, जिसके बाद से ज्याेति कक्ष में साज-सज्जा का कार्य तेजी से चल रही है. कोरोना वायरस के कारण मंदिर में पूजा से लेकर ज्योति दर्शन ऑनलाइन किया जाएगा. नवरात्रि में भक्तों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.
पढ़ें:SPECIAL: दुर्गोत्सव-दशहरा की सख्त गाइडलाइन, सियासी रंग भी चढ़ा
इस बार मंदिरों में कई बदलाव किए गए हैं. इस साल महामाया मंदिर में चैत्र नवरात्रि में पंजीयन कराने वाले भक्तों की ही ज्योति जलेगी. नए भक्तों की ज्योति स्थापना नहीं की जाएगी. चैत्र नवरात्र में लॉकडाउन लग गया था. इस वजह से मंदिर में 5 हजार भक्तों की ज्योति स्थापित नहीं हुई थी. इस नवरात्रि में केवल उन्हीं लोगों के ज्योति कलश प्रज्ज्वलित होंगे. हर साल 8 से 9 हजार ज्योति कलश नवरात्रि में स्थापित होते हैं. इसकी देखरेख के लिए बाहर से भी सेवादार पहुंचते हैं. प्रशासन ने गाइडलाइन में मंदिर समिति के सदस्यों के साथ ज्योति स्थापना की बात कही है. आदेश आने के बाद हर रोज भक्त पंजीयन के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन किसी की रसीद नहीं काटी जा रही.
सादगी से मनाया जाएगा पर्व
रविवि परिसर स्थित बंजारी मंदिर में भक्तों की ज्योति जलेगी. इसके लिए हर रोज काफी संख्या में लोग पंजीयन कराने पहुंच रहे हैं. आकाशवाणी चौक स्थित कालीमाता मंदिर में भक्त ज्योति कलश की स्थापना के लिए पंजीयन करा रहे हैं. मंदिर समिति द्वारा चैत्र नवरात्रि में ज्योति स्थापना स्थगित होने पर सभी भक्तों के पैसे लौटा दिए गए थे. नवरात्रि में शेष कुछ दिन ही बचे हैं. इसलिए ज्योति प्रज्वलित कराने के लिए भक्तों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ रही है. इसके अलावा रावांभाठा स्थित मां बंजारी मंदिर में इस साल नवरात्रि मेला नहीं लगेगा. मां बंजारी की आरती भक्त सोशल मीडिया के जरिए दर्शन करेंगे. कोरोना महामाी के कारण सादगी से पर्व मनाया जाएगा.