रायपुर:आज पूरा विश्व कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण से जूझ रहा है. भारत में भी कई राज्य मरीजों की बढ़ती संख्या से परेशान हैं.मुंबई, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, राजस्थान हो या उत्तर प्रदेश हर जगह आंकड़ा बढ़ रहा है. ऐसे में अगर बात कर छत्तीसगढ़ राज्य की तो यहां बड़ी राहत है. प्रदेश में अब तक आए कुल 10 पॉजिटिव मामलों में से 7 पूरी तरह स्वस्थ्य होकर अपने घर लौट चुके हैं.
छत्तीसगढ़ में राहत की खबर ये भी है कि अब तक कोरोना की वजह से यहां एक भी मौत नहीं हुई है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भरोसा जताया है कि जल्द ही 3 मरीज भी ठीक होकर घर लौट जाएंगे.
प्रदेश के कोरोना वारियर्स भी कम नहीं
छत्तीसगढ़ में जहां डॉक्टर अपने मोर्चे पर तैनात हैं, तो पुलिसकर्मियों ने कहीं प्यार से तो कहीं कड़ाई से लॉक डाउन का पालन कराया है. ऐसी कई तस्वीरें सामने आई हैं, जहां लाठियां तो बरसाई लेकिन कभी आरती उतारकर, कभी गाना गाकर तो कभी राखी बांधकर पुलिस विभाग के कर्मिचारियों ने लोगों से घर पर रहने की अपील की. इसके साथ ही सबसे बड़ी भूमिका में हैं सफाईकर्मी जो दिन रात एक कर इस महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. पुलिस का कहना है कि उनके दो ही लक्ष्य हैं, लॉक डाउन के दौरान किसी भी तरह लोगों को घर पर रखना और दूसरा संदिग्धों की निगरानी.
सबसे पहले लागू की थी धारा 144
विश्व में कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए भारत में कई राज्यों ने धारा 144 लागू कर दी थी, इसमें छत्तीसगढ़ भी शामिल था. प्रदेश में सतर्कता के साथ प्रशासन ने पूरे प्रदेश में धारा 144 लागू करने के आदेश दे दिए थे. 22 तारीख को हुए जनता कर्फ्यू का असर छत्तीसगढ़ में साफ देखने को मिला था. जागरूकता दिखाते हुए शासन और प्रशासन ने इसका पालन करने के लिए लोगों से अपील की थी.
छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति-
पहला केस- 19 मार्च को रायपुर के समता कॉलोनी निवासी 23 वर्षीय युवती के कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई थी. युवती 16 मार्च को लंदन से छत्तीसगढ़ लौटी थी. उसे एम्स अस्पताल में आइसोलेशन पर रखा गया था.
दूसरा केस-25 मार्च को राजनांदगांव के भरकापारा निवासी 30 वर्षीय युवक थाईलैंड से घूमकर घर लौटा था. युवक का कोरोना जांच सैंपल पॉजिटिव मिला था.
तीसरा केस-25 मार्च को रायपुर की युवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. युवती सुभाष स्टेडियम इलाके की रहने वाली है. 16 मार्च को ही युवती लंदन से लौटी थी. युवती के खिलाफ जानकारी छिपाने और सरकारी निर्देशों की अवहेलना का केस दर्ज किया गया है.
चौथा केस- बिलासपुर के रामालाइफ में एक 64 वर्षीय महिला का सैंपल पॉजिटिव आया था. महिला 10 फरवरी को दुबई से बिलासपुर आई थी. महिला ने भी विदेश से लौटने की जानकारी इसने छुपाई थी. इन्हें अपोलो में आइसोलेट किया गया था.
पांचवां केस-25 मार्च दुर्ग-भिलाई जोन के सेक्टर 2 के खुर्सीपारा का रहने वाला युवक 10 मार्च को दुबई से लौटा था. इसकी जांच पॉजिटिव आई थी. इसे रायपुर एम्स में भर्ती किया गया था. युवक के पॉजिटिव होने के बाद आसपास के 100 परिवारों को होम आइसोलेट किया गया.
छठा केस-रायपुर के बड़े रामनगर में रहने वाले 60 वर्षीय व्यक्ति की कोरोना की रिपोर्ट पॉजिटिव मिली थी. इनका अन्य राज्य और विदेश यात्रा की कोई हिस्ट्री नहीं पाई गई थी. इन्हें रायपुर एम्स में आइसोलेट किया गया.
सातवां केस- 28 मार्च को रायपुर के देवेंद्र नगर इलाके में रहने वाले युवक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी.युवक यूके से लौटा था. उसे होम आइसोलेशन में रहने की हिदायत दी गई थी.
आठवां केस- रायपुर के डीडी नगर क्षेत्र के कंचन गंगा की रहने वाली युवती की रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. युवती लंदन की यात्रा से लौटी थी.
नौवां केस- 31 मार्च को देर रात कोरबा से पहला मरीज सामने आया था.22 साल का ये युवक लंदन से लौटा था.
दसवां केस- 4 अप्रैल को प्रदेश का दसवां के केस कोरबा से सामने आया. यहां 16 साल का नाबालिग कोरोना पोजटिव पाया गया. किशोर महाराष्ट्र का रहने वाला है जो मरकज से आए लोगों के साथ मस्जिद में ठहरा हुआ था.
कुल 7 मरीज हो चुके हैं स्वस्थ-
प्रदेश की पहली पॉजिटिव युवती समेत 6 और मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं. इनमें बिलासपुर की महिला,दुर्ग-भिलाई का युवक और रायपुर कोरबा के मरीज शामिल हैं.
ऐसी थी विभाग की तैयारी-
- स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए 27 जनवरी को ही फर्स्ट रेपिड रिस्पांस टीम का गठन किया था.
- 31 जनवरी को WHO ने हेल्थ एमरजेंसी की घोषणा की थी, इसके बाद से ही छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर चला गया था.
- मार्च तक प्रदेश में कोविड-19 के इलाज के लिए 450 बेड का अस्पताल तैयार हो चुका था. इसके साथ ही 60 बेड का एक पूर्णत नया अस्पताल भी तैयार हो चुका था.
- कोरोना संक्रमित मरीज की पुष्टि होने के बाद नवा रायपुर में क्वॉरंटाइन सेंटर तैयार किया गया. पूरी फैसिलिटी से लैस इस सेंटर में विदेशों से आए लोगों को 15 दिनों के लिए क्वॉरंटाइन किया जाता था.
- छत्तीसगढ़ सरकार ने 22 मार्च तक राज्य की सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया था.इसके साथ ही सड़क परिवहन पर भी रोक लगा दी थी.