रायपुर: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि 15 अक्टूबर तक प्रदेश में कोरोना का पीक आ सकता है, लेकिन तब तक 2 लाख लोगों के संक्रमित होने की आशंका है, जिसे लेकर सरकार अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में लगी हुई है. जहां एक ओर सरकार बेड्स की संख्या बढ़ा रही है, तो वहीं दूसरी ओर लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने की भी कोशिश की जा रही है. फिलहाल प्रदेश में कुल 13 हजार 452 बिस्तर हैं, जिनमें से 4 हजार 627 का उपयोग किया गया है, 8 हजार 825 बेड खाली हैं.
कोरोना को लेकर छत्तीसगढ़ की तैयारी होम आइसोलेशन के लिए कर रहे जागरूक
सरकार आइसोलेशन सेंटर को कोविड केयर सेंटर के रूप में डेवलप कर रही है. इसके अलावा लोगों को होम आइसोलेशन के लिए भी जागरूक किया जा रहा है. बिना लक्ष्ण वाले मरीजों को घर पर ही आइसोलेट किया जा रहा है. बता दें कि 3 अक्टूबर तक 36 हजार 271 लोग होम आइसोलेशन के माध्यम से स्वस्थ हो चुके हैं.
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टेस्टिंग लक्ष्य बढ़ाने की कोशिश
कोरोना को मात देने स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश में टेस्टिंग बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. हर रोज 20 हजार टेस्ट किए जाएंगे. सभी जिलों को उनकी आबादी के अनुसार टेस्ट किए जाने का लक्ष्य दिया गया है. रोजाना टेस्टिंग की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. अब तक प्रदेश में 11 लाख 55 हजार 975 टेस्टिंग किए जा चुके हैं.
अक्टूबर माह के लिए हो रही है व्यवस्था: सिंहदेव
अक्टूबर माह की तैयारियों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि एक तरीके से हम खुद को पठार पर बांधे हैं. प्रदेश में रोजाना ढाई से 3 हजार के आसपास कोरोना केस सामने आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऑक्सीजन की पूरी तैयारी है, होम आइसोलेशन में बेहतर सेवाओं की भी तैयारी है. इसके अलावा अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या भी बढ़ाई जा रही है. लगभग 10 हजार ऑक्सीजन युक्त बिस्तरों की सरकारी और निजी अस्पतालों में व्यवस्था की जा रही है.
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ग्रामीण क्षेत्रों में फैलाव का डर: स्वास्थ्य मंत्री
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण रोकना बड़ी चुनौती है. लगातार लोग ग्रामीण क्षेत्रों में जा रहे हैं और गांवों के लोग शहरों में आ रहे हैं, ऐसे में ग्रामीण इलाकों में संक्रमण बढ़ने का ज्यादा खतरा है. गांवों में इस खतरे को बढ़ने से रोकना है.
रायपुर में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कम
रायपुर में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले में ICMR सदस्य डॉक्टर राकेश गुप्ता का कहना है कि राजधानी में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन बाकी शहरों के मुकाबले कम हुआ है. राजधानी में गाइडलाइन को लेकर अनुशासनहीनता है. यही कारण है कि यहां रोजाना मरीजों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि राजधानी में अनुशासनात्मक रूप से गाइडलाइस का पालन किया जाए और टेस्टिंग को बढ़ावा दिया जाए, तो कोरोना पर काबू पाया जा सकता है.
आइसोलेशन सेंटर बढ़ाने की तैयारी
अक्टूबर माह की तैयारियों को लेकर कोविड-19 नोडल अधिकारी ओपी सुंदरानी ने बताया कि लोग लगातार आइसोलेशन वॉर्ड के विकास की कोशिश कर रहे हैं. ज्यादा से ज्यादा ऑक्सीजन बेड उपलब्ध करवाने की कोशिश विभाग कर रहा है. सुंदरानी ने कहा कि अक्टूबर माह पीक का समय हो सकता है, ऐसे में हर मुमकिन तैयारी स्वास्थ्य विभाग की ओर से की जा रही है.
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बता दें कि अक्टूबर महीने तक 2 लाख लोगों के संक्रमित होने के अनुमान को मद्देनजर रखते हुए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं. अस्पतालों में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन युक्त बेड की संख्या में इजाफा किया जा रहा है. मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट के लिए टेंडर जारी किए जाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. धार्मिक संगठनों की मदद से उनके संस्थानों में कोविड-19 सेंटर बनाने की तैयारियां भी की जा रही हैं, ताकि मरीज बढ़ें तो बेड कम ना पड़े.