रायपुर:कहते हैं जहां चाह, वहां राह है. अगर आप किसी की मदद करने की ठान लें, तो भले ही आपके पास वह हुनर ना हो, लेकिन उसके बाद भी आप उस व्यक्ति की मदद कर सकते हैं. कुछ इस तरह का ही वाकया इन दिनों डायल 112 (dial 112) में देखने को मिल रहा है. जहां बिना डॉक्टर, नर्स और कंपाउंडर के डायल 112 (dial 112) में तैनात कर्मियों ने 100 से ज्यादा प्रसव (delivery) करा दिए हैं. आज उनकी वजह से सैकड़ों बच्चे इस दुनिया में कदम रख चुके हैं. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि डायल 112 (dial 112) गर्भवती महिलाओं के लिए 'देवदूत' बन गया है.
छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से ''एक्को नंबर सब्बो बर'' के टैग के साथ साल 2018 में डायल 112 की शुरुआत की. इस सेवा के जरिए इमरजेंसी, पुलिस, एंबुलेंस, फायर के लिए एक ही नंबर जारी किया गया. इस तरह की किसी भी परेशानी के लिए छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) ने डायल 112 (dial 112) शुरू किया. किसी भी जरूरतमंद को इस नंबर पर कॉल करने पर तुरंत सहायता मिल जाती है. जब भी कोई व्यक्ति किसी परेशानी या मुसीबत में होता है, तो वह सीधे डायल 112 पर कॉल करता है और अपनी समस्या बताता है. भले ही उसका संबंध डायल 112 (dial 112) से हो या ना हो. बावजूद इसके डायल 112 उस व्यक्ति को हरसंभव मदद पहुंचाने की कोशिश करता है.
डायल 112 वैन गर्भवती महिलाओं के लिए बना अस्पताल
कई बार ऐसा भी होता है कि अत्यधिक प्रसव पीड़ा होने के कारण वह महिला अस्पताल तक नहीं पहुंच पाती हैं और उन्हें रास्ते में ही प्रसव कराना पड़ता है. इस दौरान डायल 112 में तैनात कर्मी पूरी संजीदगी और संवेदना के साथ उस महिला की मदद के लिए खड़े रहते हैं. कई बार रास्ते में ही रुककर इन कर्मियों के द्वारा आसपास उपस्थित महिलाओं, मितानिन, दाई की मदद ली जाती है या फिर महिला के साथ मौजूद परिजनों की मदद से प्रसव कराया जाता है. बीते दिनों भी मदद के लिए गर्भवती महिलाओं के परिजनों ने डायल 112 पर कॉल (call on dial 112) किया. जिसके बाद यहां तैनात कर्मियों ने तत्काल मौके पर पहुंचकर उस महिला को सहायता पहुंचाई. इमरजेंसी होने पर डायल 112 में तैनात पुलिसकर्मी गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचाते हैं.
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122 से ज्यादा महिलाओं का करा चुके हैं प्रसव