रायपुर : संतान हमारे जीवन के महत्वपूर्ण घटक होता है. जातक सर्वस्व न्योछावर कर अपने संतान की दिशा और दशा निर्धारित करता है. पालक पूरी शक्ति लगाकर अपनी संतान का भरण पोषण एवं पालन करते हैं.आज के समय में एक या दो ही संतान होती है. वही वंश को बढ़ाते हैं. संतान किसी भी व्यक्ति का भावनात्मक और कमजोर पक्ष हो सकता है. संतान के प्रति व्यक्ति का लगाव स्वाभाविक ही है. ऐसे समय में संतान की लंबी आयु की कामना हेतु शनि प्रदोष व्रत काफी लाभकारी माना गया है. ये दिन 18 फरवरी महाशिवरात्रि पर्व के रूप में भी मनाया जाएगा. इस दिन भगवान भोलेनाथ की पूजा, आराधना, अभिषेक, जलाभिषेक, दुग्ध अभिषेक, रुद्राभिषेक करना संतान के लिए परम योग कारक माना गया है.
अल्पायु संतान दोष वालों के लिए लाभकारी :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "ऐसी संतानें जिन्हें अल्पायु का दोष है. उनके पालकों द्वारा आज के दिन व्रत उपवास और दान करने पर उनकी कामनाएं पूर्ण होती है. आज के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना संतान की आयु के लिए सौभाग्य कार्य माना जाता है. आज के दिन कालसर्प, पितृदोष, त्रिपिंडी श्राद्ध की पूजा करना बहुत पवित्र माना गया है. सभी तरह के कालसर्प योग के पूजन के लिए आज का दिन विशेष महत्व रखता है. ऐसे जातक जिन्हें लंबे अरसे से संतान प्राप्त नहीं हुई है.वे भी महाशिवरात्रि के दिन जो शनि प्रदोष व्रत के साथ है. इस दिन व्रत उपवास सेवा और दान करें जिससे कि भगवान भोलेनाथ प्रसन्न होकर उनकी झोली भर दें. ऐसे जातक जो संतान सुख से वंचित हैं.आज के शुभ दिन योगाभ्यास, सूर्य नमस्कार, प्राणायाम का अभ्यास कर पूरा दिन व्रत रखें. आज के दिन किया गया व्रत पूर्ण फलकारी होता है, और मनोकामनाएं पूर्ण होती है."
Pradosh vrat 2023: संतान को लंबी आयु और उन्नति देने वाला व्रत, महादेव बरसाएंगे कृपा ! - Fasting to give long life and progress to children
किसी भी परिवार का वंश उसके संतान बढ़ाते हैं. मानव जीवन में किसी भी जातक के लिए संतान के कर्म काफी महत्वपूर्ण माने गए हैं. जन्म से लेकर मृत्यु तक संतान कर्म सबसे आगे रखा गया है.संतान की लंबी उम्र के लिए कई व्रतों का विधान है. ऐसा ही एक व्रत है प्रदोष व्रत. इस बार ये व्रत महाशिवरात्रि के दिन है. जानिए आप किस तरह से इस व्रत का लाभ ले सकते हैं.
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कैसे पाएं पूजा का फल :ज्योतिष एवं वास्तुविद पंडित विनीत शर्मा ने बताया कि "सुयोग्य व्यक्ति को दान पुण्य कर महाशिवरात्रि के पर्व को अक्षुण बनाए. आज के दिन संतान की कामना से किया गया दान व्रत उपवास और यज्ञ पूरी तरह से सफल होते हैं.आज के शुभ दिन निशिथ काल में जो रात्रि 11:52 से लेकर 12:42 तक रहेगा. इस अवधि में शिव की पूजा आराधना और साधना करने पर भगवान शीघ्र ही उनकी झोली को संतान से भर देते हैं.ऐसे जातक जिन्हें कुछ शारीरिक तकलीफ हो गंभीर शारीरिक बीमारी हो उन्हें भी आज के दिन शिव की आराधना करनी चाहिए.आज के दिन किया गया महामृत्युंजय का पाठ अभिष्ट फलकारी होता है, और आज के दिन महामृत्युंजय का यथासंभव पाठ करने पर मृत्यु जो है, वह पीछे छूट जाती है."