रायपुर:आधुनिकता के कारण वर्तमान समय में कुम्हारों का परंपरागत व्यवसाय खत्म होने की कगार पर है. दिनों-दिन मिट्टी से बनी वस्तुओं की मांग कम हो रही है, जिससे ये लोग तंगहाली की स्थिति से गुजर रहे हैं.
जब से मशीनी युग ने अपना पैर पसारा है, तब से कुम्हारों के परंपरागत व्यवसाय पर खतरा मंडरा रहा है. मिट्टी के बर्तन बनाकर अपना जीवन-यापन करने वाले कुम्हारों को इस साल बहुत नुकसान हो रहा है.
कोरोना ने छीना कुम्हारों का व्यवसाय
कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में शादियां और अन्य समारोह रद्द हो गए हैं, जिससे इन लोगों की ओर से बनाई गए मिट्टी की वस्तुओं की मांग कम हो गई है. अब इन लोगों के सामने जीवन यापन के लिए आर्थिक संकट जैसी स्थिति आ गई है.