छत्तीसगढ़ में मंत्रियों को विभाग बांटने में देरी, राजनीति हुई तेज - बीजेपी
Politics Regarding Division Of Portfolios छत्तीसगढ़ में तीन दिसंबर को बीजेपी सत्ता में आई. 13 दिसंबर को सीएम विष्णुदेव साय और दो डिप्टी सीएम ने शपथ लिया.इसके बाद 22 दिसंबर को 9 मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ली.लेकिन इसके बाद भी मंत्रियों को विभाग नहीं मिले.जिसे लेकर अब राजनीति तेज हो गई है.portfolios of ministers in Chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं हुआ मंत्रियों को विभाग का बंटवारा
छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं हुआ मंत्रियों को विभाग का बंटवारा
रायपुर :छत्तीसगढ़ सरकार में मुख्यमंत्री सहित कुल 12 मंत्रियों की नियुक्ति कर दी गई. इस तरह से वर्तमान में सिर्फ एक मंत्री की कुर्सी ही खाली है. इन मंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह भी हो चुका है. लेकिन अब तक विभाग का बंटवारा नहीं हो सका है.लेकिन अब सोशल मीडिया से लेकर विरोधी भी मंत्रियों को विभाग नहीं देने को लेकर अलग-अलग तरह की बातें कर रहे हैं.
केंद्र दे रहा राज्य में दखल :मंत्रियों के विभाग का बंटवारा न होने पर कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर का कहना है कि बीजेपी के कई बड़े नेताओं को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है. जिससे बीजेपी में भारी असंतोष है. दिग्गजों की नाराजगी दूर करने में केंद्रीय नेतृत्व नाकाम रहा है.इसलिए विभाग नहीं बांटे गए हैं.ऐसा पहली बार हो रहा है कि सीएम के हाथ में कुछ नहीं है.बल्कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश की राजनीति में दखल दे रहा है.
''मंत्रिमंडल का गठन न होने के कारण जनता काम का प्रभावित हो रहे हैं. जिसके लिए बीजेपी पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. कांग्रेस सरकार में जो काम गति से चल रहे थे. लेकिन बीजेपी के मंत्रियों को विभाग मिलने में देरी के कारण छत्तीसगढ़ का विकास बाधित हो रहा है.'' धनंजय सिंह ठाकुर ,प्रदेश प्रवक्ता, कांग्रेस
बीजेपी ने किया पलटवार :वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है.बीजेपी प्रवक्ता अमित चिमनानी के मुताबिक प्रदेश में सरकार बनते ही मोदी की तीन गारंटी पूरी कर ली गई है. जिसमें 31 क्विंटल धान खरीदने की लिमिट की गई है. 2 साल का बोनस बांट दिया गया है. 3100 की राशि मिलने का कमिटमेंट हो गया.
''12000 करोड़ का अनुपूरक बजट आ चुका है. इस प्रकार से बड़े निर्णय जो लेने थे वह निर्णय मुख्यमंत्री उपमुख्यमंत्री अधिकारियों के साथ मिलकर ले रहे हैं. उसका इंप्लीमेंट भी हो रहा है. अब बड़ी घोषणा करते हुए मुफ्त में चावल भी बांटा जाएगा.'' अमित चिमनानी, प्रदेश प्रमुख, मीडिया विभाग
कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ को बनाया अय्याशी का अड्डा :राहुल गांधी कहते हैं क्षेत्रीय नेताओं की वजह से चुनाव हारे हैं. लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की जगह प्रदेश प्रभारी को बदल देते हैं. इनके प्रदेश महामंत्री कहते हैं कि छत्तीसगढ़ दिल्ली के नेताओं के लिए कांग्रेस के राज में अय्याशी का अड्डा बन गया था. कोई कहता है मुझसे सह प्रभारी ने पैसे लिए, कोई और आरोप लग रहे हैं. कांग्रेस के अंदर घमासान चल रहा है.
मौजूदा समय में बीजेपी का एडवांस वर्जन :उचित शर्मा ने कहा कि बीजेपी का एडवांस वर्जन के रूप में देखना चाहिए. जिस दौरान बीजेपी इसमें अपने सारे एक्सपेरिमेंट कर रहा है.बीजेपी पार्टी के स्वरूप को बदलने की कोशिश कर रही है.
''विभागों के बंटवारे में भी सामंजस्य स्थापित करने की कोशिश की जा रही है.लेकिन इसमें भी काफी देर कर चुकी है. क्योंकि उन्हें लोकसभा चुनाव में जाना है उसमें लगभग तीन माह का समय बचा हुआ है. इस 3 माह में उन्हें काम करके भी दिखाना है. इसलिए जल्द से जल्द बीजेपी को मंत्रिमंडल के विभागों का बंटवारा करना चाहिए.''- उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
मुख्यमंत्री के लिए सारे काम करना संभव नहीं :सभी विभाग मुख्यमंत्री के पास है.लेकिन मुख्यमंत्री सभी विभागों पर कितनी नजर रख सकते हैं. हर विभाग के अलग-अलग काम होते हैं. ऐसे में सब पर नजर रखना अकेले मुख्यमंत्री के लिए संभव नहीं है. जिस वजह से कई फाइल भी पेंडिंग हैं. सिर्फ कैबिनेट मंत्री ही नहीं निगम मंडल में भी बटवारा होना हैं. उनकी नियुक्ति न होने से भी कामकाज प्रभावित होता है.